- दिल्ली सरकार मई में देगी 1 करोड़ लोगों को मुफ्त का राशन
- राशन संघ का आरोप- विभाग डाल रहा दबाब, काम मुश्किल
राजधानी दिल्ली में मई के महीने में राशन कार्ड धारकों को राशन की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल, दिल्ली राशन डीलर संघ सरकार की माने तो दिल्ली सरकार की गलत नीतियों के चलते वो अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार कुछ भी सुनने को राजी नहीं है.
कोरोना वायरस के कारण हुआ लॉकडाउन लगातार बढ़ता जा रहा है. जिस कारण लोगों को बहुत आर्थिक चोट सहनी पड़ रही है. इसी को देखते हुए दिल्ली सरकार मई महीने में 1 करोड़ लोगों को मुफ्त का राशन देने की बात कह रही है, लेकिन इस योजना को पलीता लगता हुआ दिख रहा है.
दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ (डीएसआरडीएस) के सचिव सौरव गुप्ता की माने तो जिस तरह के रोजाना नियम बनाकर विभाग हमसे दबाव में काम लेना चाह रहा है उसमें काम करना असंभव होता जा रहा है. विभाग हमारी मांगों को सिरे से खारिज कर रहा है और जनवरी से अप्रैल व बीते साल का भी कमीशन नहीं मिला है.
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सौरव की माने तो कोरोना के चलते हर महीने दिल्ली सरकार द्वारा जो राशन वितरण किया जाता है उसके साथ-साथ केंद्र सरकार की तरफ से भी राशन दुकानों पर आया हुआ है, ऐसे में वह राशन भी वितरण करना है जो कि बड़ी परेशानी है. ऐसे में परिवार चलाना, सहायक की सैलरी देना, दुकान का किराया, बिजली का बिल, सुरक्षा के उपाय, राशन अधिक आने पर अलग से गोदाम लेकर उसका किराया देना मुश्किल होता जा रहा है.
राशन संघ का ये भी कहना है कि परेशानी तब ज्यादा है जब हम जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं. हम लगातार सुरक्षा उपकरणों की मांग कर रहे थे, लेकिन विभाग हमारी बातों को अनसुना कर रहा है. ई-कूपन से स्कूलों में राशन वितरण के दौरान दस व्यक्तियों का स्टाफ है, उन्हें सैलरी नहीं मिल रही है.
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राशन संघ का कहना है, कोटाधारक जो जनवरी से अभी तक बिना आर्थिक मदद के काम कर रहे हैं उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है और रोजाना नए नियम बनाए जा रहे हैं.
वहीं, इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार का कहना है कि सरकार विषय की गंभीरता को समझती है और इस सोमवार को इन राशन दुकानदारों की बैठक बुलाई गई है. सरकार के मुताबिक, महामारी के इस दौर में राशन बांटना प्राथमिकता है और 29 तारीख तक इस मसले को सुलझा कर सुचारू व्यवस्था से राशन बांटा जा सकेगा.
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