ललितपुर। थाना जखौरा अंतर्गत कस्बा बांसी में तेज रफ्तार बाइक डिवाइडर से टकरा गई, जिससे बाइक पर सवार एक ही परिवार के दो बच्चों समेत पांच लोग घायल हो गए, जबकि एक दो वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। बाइक पर सवार छह लोग मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिला के ग्राम पंचखेरा से ललितपुर के ग्राम रघुनाथपुरा जा रहे थे। पुलिस ने मासूम के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मध्य प्रदेश के ग्राम बम्हौरा सेजरा जैरोन के पास ग्राम पंचखेरा निवासी राजेश (26) पुत्र स्वामी कुशवाहा बृहस्पतिवार को सुबह करीब 11 बजे अपनी बहन चिरौंजी पत्नी रामप्रकाश को छोड़ने के लिए ललितपुर के ग्राम रघुनाथपुरा आ रहा था। उसकी बहन के साथ दो बच्चे छह माह की रितिका व दो वर्षीय राज भी साथ में थे। साथ में राजेश की पत्नी राम देवी (25) और उसका पुत्र मौसम (3) भी उसके साथ बाइक पर सवार थे।
राजेश अपनी बहन, उसके दो बच्चे, अपने पत्नी और पुत्र के साथ ग्राम रघुनाथपुरा के लिए बाइक पर सवार होकर रवाना हुआ। वह बांसी में हाइवे पर पेट्रोल पंप के पास पहुंचे थे कि पीछे से एक ट्रक ने ओवरटेक किया, जिससे बाइक चालक राजेश घबरा गया और उसकी तेज रफ्तार बाइक असंतुलित होकर डिवाइडर से टकरा गई। इससे वह सभी बाइक से गिरकर घायल हो गए। यह देख पीछे आ रहे चार पहिया वाहन चालक ने अपनी गाड़ी रोककर गंभीर रुप से घायल बच्चे राज को उठाकर जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने मासूम को परीक्षण उपरांत मृत घोषित कर दिया।
सूचना मिलने पर हाइवे एंबुलेस भी तत्काल मौके पर पहुंच गई और बाकी अन्य घायलों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका उपचार चल रहा है। जानकारी मिलने पर पुलिस ने मासूम के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
तीन दिन पहले भी बाइक पर सवार छह हुए थे घायल
तीन दिन पहले महरौनी थाना के अंतर्गत ग्राम सिलावन में कुत्ता से टकराने से तेज रफ्तार बाइक पर सवार छह लोग घायल हो गए थे। इसमें महरौनी के ग्राम कंचनपुरा निवासी सुम्मेर सिंह पुत्र रतनचंद अपने भतीजे के साथ बहू को लेने के लिए सागर गए। सोमवार की दोपहर में वह अपने भतीजे, बहू व उसके तीन बच्चों के साथ मोटरसाइकिल से महरौनी लौट रहे थे कि रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे।
घटना से नहीं लिया सबक
तीन दिन पहले हुई दुर्घटना के बाद भी कोई सबक नहीं लिया गया और एक बार फिर एक बाइक पर सवार होकर छह लोग दुर्घटनाग्रस्त हो गए। इसमें एक बच्चे की मौत भी हो गई। यदि यातायात नियमों का पालन किया जाता अथवा इनकी कोई चेकिंग हुई होती तो शायद बच्चे की जान बच सकती थी।