- एयर स्ट्राइक से पहले पीएम मोदी ने की थी बैठक
- 18 फरवरी को तय हो गई थी एयर स्ट्राइक की भूमिका
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा सूबे में बालाकोट कैम्प बीते साल 26 फरवरी तड़के भारतीय वायुसेना के एयरस्ट्राइक में तबाह हुआ था. बालाकोट एयर स्ट्राइक को एक साल पूरे हो चुके हैं. बालाकोट एयर स्ट्राइक के एक महत्वपूर्ण किरदार रहे एयर मार्शल हरी कुमार ने इस मौके पर कुछ खुलासे भी किए हैं. बता दें कि एयर मार्शल हरी कुमार उस वक्त वायुसेना के वेस्टर्न कमांड के चीफ थे.
आज तक से हुई खास बातचीत में एयर मार्शल हरी कुमार ने कई खुलासे किए. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान फिर से आतंक के रास्ते पर आगे बढ़ेगा तो उसे भारत की नाराजगी का सामना करना पड़ेगा. एयर मार्शल हरी कुमार ने कहा कि बालाकोट एयर स्ट्राइक एक ऐतिहासिक घटना थी. इस एयर स्ट्राइक से स्पष्ट संदेश दिया गया कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ाने का काम करेगा तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा.
एयर मार्शल हरी कुमार ने कहा कि हम पुलवामा हमले के बाद 14 तारीख को ही तैयार हो गए थे. हमने तैयारी शुरू की. 15 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीसीएस की मीटिंग बुलाई. हमने 18 तारीख को टारगेट तय किया और उसके बाद राष्ट्रीय नेतृत्व ने तय किया कि हम 26 को हमला करेंगे.
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ऑपरेशन में रॉ ने भी की थी मदद
एयर मार्शल हरी कुमार ने आगे बताया कि 26 फरवरी को मेरा जन्मदिन था. सौभाग्य रहा कि मुझे ये मौका मिला. 14 तारीख के बाद जो टारगेट तय हुआ वो पाकिस्तान के बहुत अंदर था इसलिए वायुसेना को यह मौका मिला. पूरे ऑपरेशन में रॉ ने काफी मदद की. बालाकोट जगह बड़ी थी. वहां पर काफी आतंकी थे. हमने पांच टारगेट तय किए. सारा ऑपरेशन सीक्रेट था.
एयर मार्शल हरी कुमार ने कहा कि मिराज के तीन स्क्वाड्रन का इस ऑपरेशन में इस्तेमाल हुआ. उसके साथ अवाकस सिस्टम और दूसरे सिस्टम भी थे. 3.28 मिनट पर हमला किया और सारे सुरक्षित वापस आ गए. सुखोई का भी इस्तेमाल किया. हमने पांचों टारगेट को बर्बाद कर दिया था.
तैयार था वायुसेना का एयर डिफेंस सिस्टम
25 तारीख को मेरा फेयरवेल चल रहा था. मुझे उसके बाद बालाकोट ऑपरेशन के लिए जाना था. इसी दौरान एयर चीफ मार्शल धनोआ ने पूछा कैसा चल रहा है. उन्होंने कहा कि अगर कल सब ठीक रहा तो मुझे फोन पर बंदर बोल देना. ये कोड वर्ड था. ऑपरेशन का नाम बंदर नहीं था.
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एयर मार्शल हरी कुमार के मुताबिक हम पाकिस्तान के जवाबी हमले के लिए तैयार थे. 4 बजे जैसे ही हमारे जहाज वापस आए हमने अपना एयर डिफेंस तैयार रखा था. हमें पता था कि पाकिस्तान जवाबी हमला करेगा. उसने ऐमरेन मिसाइल से हमला भी किया लेकिन हमनें सुखोई, मिराज और मिग से उन्हें जवाब दिया. हमने पाकिस्तानी वायुसेना को अपनी सरहद को पार नहीं करने दिया.
कैसे विंग कमांडर अभिनंदन पहुंचे पाकिस्तान?
जवाबी कार्रवाई के दौरान विंग कमांडर अभिनंदन अपने कमांडर के निर्देश को नहीं सुन पाए और पाकिस्तान की सीमा में चले गए. लेकिन लड़ाई में ऐसा होता है. उसके बाद उन्होंने पाकिस्तान को दिखाया कि एक सैनिक क्या होता है. एयर मार्शल हरी कुमार ने साफ किया कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद अब साफ है कि हम कहीं भी घुस कर मार सकते हैं. एक साल में पाकिस्तान ने कोई हरकत नहीं की. अगर कोई हरकत करेगा तो उसे और जोर से मारेंगे.