https://www.biskitjunkiehouston.com/menu

https://www.menuhartlepool.com/

slot server jepang

Saturday, December 27, 2025
HomestatesChhattisgarhअनोखी परंपरा: यहां शादी में अग्नि को नहीं, पानी को साक्षी मानकर...

अनोखी परंपरा: यहां शादी में अग्नि को नहीं, पानी को साक्षी मानकर पूरी होती हैं रस्‍में, दूल्‍हा-दुल्‍हन ही नहीं पूरा गांव लेता है फेरे

हाइलाइट्स

बस्तर के ज्‍यादातर आदिवासी जंगलों पर आश्रित हैं. इसलिए वे फिजूलखर्च से बचते हैं.
बस्‍तर की शादियों में सेमल के पेड़ के साथ नदी, तालाब, कुएं के पानी इस्‍तेमाल होता है.

Unique Wedding Rituals: मकर संक्रांति से देशभर में शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त शुरू हो गए हैं. देश के अलग-अलग हिस्‍सों में शादियों के दौरान कई तरह की परंपराएं या रस्‍में निभाई जाती हैं. हर राज्‍य और यहां तक कि क्षेत्र में भी कुछ परंपराएं एकदूसरे से बिलकुल अलग हैं. देश में ज्‍यादातर जगहों पर अग्नि को साक्षी मानकर शादी की रस्‍में पूरी की जाती हैं. वहीं, छत्‍तीसगढ़ के बस्‍तर में आदिवासी समाज के लोग पानी को साक्षी मानकर शादी की रस्‍में पूरी करते हैं. ये परंपरा यहां काफी लंबे समय से चली आ रही है. यहां के आदिवासी समाज हमेशा से प्रकृति की पूजा करते हैं. यहां के लोगों ने शादियों में होने वाले फिजूलखर्च पर रोक लगाने के लिए ये परंपरा शुरू की थी.

छत्‍तीसगढ़ का धुरवा समाज शादी में ही नहीं, बल्कि अपने सभी शुभ कार्यों में पानी को साक्षी मानकर रस्‍में पूरी करता है. ये समाज पानी को अपनी माता मानता है. इसलिए पानी को बहुत ज्‍यादा अहमियत देता है. धुरवा समाज मूल रूप से बस्‍तर के ही रहने वाले हैं. धुरवा समाज की पुरानी पीढ़ी कांकेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के पास रहती थी. इसलिए लगातार कांकेर नदी के पानी को साक्षी मानकर शुभ कार्य करती थी. आज भी कांकेर नदी से पानी लाकर नवदंतियों पर छिड़का जाता है और शादी की रस्‍में पूरी की जाती हैं.

ये भी पढ़ें – E-Scooter: अगर ई-स्‍कूटर 25 हजार रुपये में मिले तो कोई ₹1.5 लाख क्‍यों खर्च करे, 4-8 घंटे में फुल चार्ज और रेंज 50km

Bride Groom News, Bastar News, Chhattisgarh News, Tribal Culture in India, Dhurwa Samaj Wedding, Unique Weddings in Bastar, Chhattisgarh Hindi News, Chhindwara,बस्तर में शादी की अनोखी परंपरा, छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज, आदिवासी संस्कृति में शादी, धुरवा समाज में पानी को साक्षी मानकर होती है शादी, बस्तर की अनोखी शादी, छत्तीसगढ़ न्यूज, first time in Bastar district, Dhurva society organizes mass marriage

बस्‍तर के आदिवासी इलाकों में शादियों में दहेज के लेनदेन पर पाबंदी है.

भाई की बहन से ही कराई जाती है शादी
धुरवा समाज में शादी की एक और अनोखी परंपरा है. जहां पूरे देश में दूर के भाई-बहन की भी शादी नहीं की जाती है. वहीं, इस आदिवासी समाज में भाई और बहन की ही शादी की जाती है. हालांकि, यहां एक माता-पिता के बच्‍चों की शादी में आपस नहीं कराई जाती, बल्कि बहन की बेटी से मामा के बेटे का विवाह होता है. ऐसा करने से मना करने वाले लोगों पर जुर्मान लगाया जाता है. धुरवा समाज में दहेज के लेनदेन पर सख्‍त पाबंदी है.

ये भी पढ़ें – मांसपेशियों में दर्द और हर वक्‍त थकान की हैै समस्‍या, डाइट में शामिल करें ये चीजें, हर दिक्‍कत होगी दूर

दूल्‍हा-दुल्‍हन ही नहीं, पूरा गांव लेता है फेरे
बस्तर के ज्‍यादातर आदिवासी जंगलों पर आश्रित हैं. इसलिए वे फिजूलखर्च से बचते हैं. लिहाजा, आज भी पुरानी मान्यताओं के मुताबिक लोग हर शुभ कार्य में पेड़ और पानी की पूजा करते हैं. बस्‍तर के आदविासी समाज में जब शादी होती है तो सिर्फ दूल्हा-दुल्हन ही नहीं, बल्कि पूरे गांव के लोग फेरे लेते हैं. यहां की शादियों में सेमल के पेड़ के साथ नदी, नाले, तालाब और कुएं के पानी का इस्‍तेमाल किया जाता है. इसे यहां के लोग देव जल कहते हैं. कांकेर नेशनल पार्क के आसपास के इलाकों के अलावा सुकमा जिले के कई इलाकों में भी धुरवा समाज के लोग रहते हैं.

Tags: Chhattisgarh news, Tribes of India, Unique wedding, Wedding story


Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS

casino online slot depo 10k bonus new member slot bet 100 slot jepang

slot gacor

slot pusatwin

slot depo 10k

slot bet 200

pusatwin slot

slot thailand

slot bet 100

slot bet kecil

slot depo 10k

slot depo 10k

spaceman slot

slot777

slot depo 10k slot gacor slot depo 10k slot bet 100 slot777 slot depo 5k slot online slot server jepang scatter hitam