Tuesday, June 24, 2025
HomestatesUttar Pradeshउद्धव ठाकरे की कुर्सी पर खतरा? महाराष्ट्र में बिना विधानमंडल के सदस्य...

उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर खतरा? महाराष्ट्र में बिना विधानमंडल के सदस्य रहते हुए बने 8 CM – Maharashtra uddhav thackeray chief minister post suffered eighth chief minister without a member tpt

  • उद्धव ठाकरे का 6 महीने का कार्यकाल 28 मई को होगा पूरा
  • 9 विधान परिषद सीटों पर चुनाव कोरोना संकट के कारण टला

भारत के राज्यों में महाराष्ट्र कोरोना से सबसे ज्यादा संक्रमित है. महाराष्ट्र में एक तरफ लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने के संकेत मिल रहे हैं तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुर्सी खतरे में पड़ गई है. उद्धव महाराष्ट्र के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं यानी न तो विधानसभा (एमएलए) और न ही विधान परिषद (एमएलसी) के सदस्य हैं. इस तरह से छह महीने का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है और उनके सदस्य चुने जाने की किसी तरह की कोई संभवना नजर नहीं आ रही है.

हालांकि, उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के 8वें सीएम हैं, जो बिना विधानमंडल के सदस्य रहते हुए सीएम बने हैं. 1980 में मुख्यमंत्री बनने वाले एआर अंतुले राज्य के ऐसे पहले नेता थे, जो किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे. वसंतदादा पाटिल एक सांसद के तौर पर इस्तीफा देने के बाद फरवरी 1983 में मुख्यमंत्री बने थे. निलांगेकर पाटिल जून 1985 में मुख्यमंत्री बने थे जबकि शंकर राव चव्हाण जो उस वक्त केंद्रीय मंत्री थे, मार्च 1986 में राज्य के शीर्ष पद पर आसीन हुए थे.

कोरोना पर फुल कवरेज के लि‍ए यहां क्ल‍िक करें

नरसिंह राव सरकार में पवार तब रक्षा मंत्री थे, लेकिन मुंबई में दंगों के बाद सुधाकर राव नाइक के इस पद से हटने के बाद मार्च 1993 में पवार का नाम मुख्यमंत्री के रूप में सामने आया था. इसी तरह, मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में पृथ्वीराज चव्हाण मंत्री थे लेकिन वह भी अशोक चव्हाण की जगह नवंबर 2010 में राज्य के मुख्यमंत्री बने थे.

एआर अंतुले, शिवाजी राव निलांगेकर पाटिल और सुशील कुमार शिंदे ने मुख्यमंत्री बनने के बाद विधानसभा उपचुनाव लड़ा था और विजयी हुए थे. इसके अलावा वसंतदादा पाटिल, शंकर राव चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण और शरद पवार विधान परिषद का सदस्य बनकर संवैधानिक प्रावधान को पूरा किया था. वही, उद्धव ठाकरे अभी तक किसी भी सदन के सदस्य नहीं चुने गए हैं.

कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें…

दरअसल उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. संविधान की धारा 164 (4) के अनुसार उद्धव ठाकरे को 6 माह में राज्य के किसी सदन का सदस्य होना अनिवार्य है. ऐसे में उद्धव ठाकरे को अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी को बचाए रखने के लिए 28 मई से पहले विधानमंडल का सदस्य बनना जरूरी है.

महाराष्ट्र के विधान परिषद के 9 सदस्यों का कार्यकाल 24 अप्रैल को खत्म हो रहा है. इन 9 विधान परिषद सीटों पर चुनाव होने थे, जिन्हें कोरोना संकट की वजह से टाल दिया गया है. केंद्रीय चुनाव आयोग ने इसे अनिश्चित समय के लिए आगे बढ़ाने का फैसला किया है. माना जा रहा था कि विधान परिषद की 9 सीटों में से किसी एक सीट पर उद्धव ठाकरे चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने कोरोना संकट के चलते चुनाव को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया है. इसके चलते अब उनकी राह में मुश्किल खड़ी हो गई है. ऐसे में अब देखना कि उद्धव ठाकरे अपनी कुर्सी कैसे बचाते हैं?

आजतक के नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट और सभी खबरें. डाउनलोड करें

  • Aajtak Android App
  • Aajtak Android IOS




Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS

casino online slot depo 10k bonus new member slot bet 100 slot jepang
slot depo 10k slot gacor slot depo 10k slot bet 100