- कश्मीर में रविवार को मनाई जाएगी ईद
- लोगों से घरों में नमाज अदा करने की अपील
देशभर में सोमवार को ईद मनाई जाएगी. लेकिन वहीं कश्मीर में रविवार को ईद मनाई जाएगी. दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी और फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ़्ती मुकर्रम ने ऐलान किया कि देशभर में कहीं से चांद दिखने की इत्तला नहीं मिली है. लिहाज़ा ईद उल फित्र सोमवार को होगी.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘घाटी में चांद नजर आया और स्थानीय मस्जिद ने ऐलान किया है कि कल (रविवार को) ईद उल फित्र मनाया जाएगा. आप सभी को ईद मुबारक.’
Shawwal moon has now been sighted in the valley & my local mosque is announcing that tomorrow #EidAlFitr will be celebrated. Eid mubarak to all of you.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 23, 2020
लद्दाख में शुक्रवार को मनी ईद
वहीं केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में शुक्रवार को ही ईद उल फित्र मनाई गई. हालांकि इस दौरान न ही मस्जिदों में और न ही बाजारों में ईद की चहल-पहल नजर आई. कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते घरों के भीतर ही ईद मनाई गई.
घर में ईद मनाने की अपील
शाही इमाम ने कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते लोगों से अपील की है कि बेहद सादगी के साथ घरों में रहकर ईद मनाएं. नमाज़ भी घर में ही अदा करें. लॉकडाउन में मस्जिदों में आम लोगों के जाने पर पाबंदी है, एहतियात बरतें.
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बता दें कि ईद-उल-फित्र (Eid ul Fitr) मुस्लिमों का सबसे बड़ा त्योहार है, जो रमजान के महीने के पूरा होने पर मनाया जाता है. इस बार ईद का त्योहार 25 मई को मनाया जाएगा. दरअसल, ईद-उल-फित्र का त्योहार रमजान के 29 या 30 रोजे रखने के बाद चांद देखकर मनाया जाता है. ईद-उल-फित्र के साथ ही रमज़ान का महीना खत्म हो जाता है.
ईद-उल-फित्र के साथ इस्लामिक कलैंडर शव्वाल के महीने की शुरुआत होती है. ईद का दिन एकमात्र ऐसा दिन होता है जिस दिन रोज़ा यानी उपवास नहीं रखा जाता. ईद के चांद का दीदार होने के बाद यानी शव्वाल का महीना शुरू होने के साथ ईद मनाई जाती है, इसलिए दुनियाभर में इसकी तारीख अलग-अलग होती है.
घर में ईद की नमाज़ अदा करने की अपील
ईद की नमाज़ जमात के साथ यानी ग्रुप में पढ़ी जाती है. लेकिन इस बार कोरोना संकट को देखते हुए सभी धार्मिक स्थल बंद हैं, इसलिए मस्जिद में नमाज अदा करने की इजाजत नहीं है. एक तरफ जहां प्रशासन मुस्तैद है तो वहीं, मौलाना और उलेमाओं की तरफ से घर में ही ईद की नमाज़ पढ़ने की अपील की जा रही है.
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साथ ही लोगों से कहा जा रहा है कि कोई भी व्यक्ति ईद के दौरान घर से न तो बाहर निकले और न ही इबादत के लिए मस्जिद जाए. घर में ही हंसी-खुशी ईद का त्योहार मनाएं. ईद के दिन मुसलमानों के घर सिवईयां, शीर समेत कई तरह के मीठे पकवान बनते हैं. एक-दूसरे से गले मिलकर सारे गिले-शिकवा दूर किए जाते हैं.


