- यूपी के छात्रों को कोटा से लाने के लिए पहुंचीं 200 बसें
- इसके लिए कोटा में पहले ही पहुंच गए थे अधिकारी
कोरोना से निपटने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन 2 में और ज्यादा सख्ती है. पहले लोगों को उम्मीद थी कि 14 अप्रैल के बाद उन्हें छूट मिल जाएगी अपने प्रदेश से बाहर रह रहे लोगों को घर वापस जाने की बेचैनी हो रही है. यही वजह है कि कई जगह लोगों की भीड़ देखने को भी मिली. राजस्थान के कोटा शहर में भी विभिन्न राज्यों के हजारों छात्र फंसे हुए हैं जो यहां इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी करने आए थे. ये बच्चे पिछले कई दिनों से घर वापसी का प्रयास कर रहे थे. इन लोगों ने अपने-अपने राज्य की सरकारों से भी अपील की थी. जिसके बाद शुक्रवार को कोटा के कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले बच्चों को वापस लाने के लिए योगी सरकार ने 200 बसें चलवाईं.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जिस तरह यूपी सरकार ने उत्तर प्रदेश से राजस्थान के कोटा में आकर पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों वो वापस बुलाया है उसी तरह दूसरे राज्यों के विद्यार्थियों के साथ भी किया जा सकता है. कोटा में रह रहे दूसरे राज्यों के विद्यार्थियों को उनके गृह राज्यों से सहमति मिलने के बाद ही जाने दिया जा सकता है ताकि ये सभी युवा लड़के और लड़कियां परेशान ना हों या उदास ना महसूस करें.
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वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया बच्चों की घर वापसी का पूरा प्लान
जानकारी के मुताबिक कोटा में फंसे यूपी के बच्चों को वापस लाने के लिए 200 बसों का काफिला आगरा के बस अड्डे से भेजा गया था. बसों को कोटा भेजने से पहले पूरी तरह से सैनिटाइज भी किया गया था. आगरा के एसपी ने इस बारे में कहा था, “कोटा में जो स्टूटेंड्स फंसे हैं उनको लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा बसें चलाई जा रही हैं, वो बसें हम अभी आगरा से रवाना कर रहे हैं.” अंदाजन कोटा में यूपी के दो से ढाई हजार छात्र फंसे हुए हैं, यही वजह है कि इतनी ज्यादा बसें उन्हें वापस लाने के लिए भेजी गई हैं.
आगरा के एसपी (ग्रामीण) प्रमोद कुमार ने बताया कि कोटा में बच्चों को बसों में बैठाया जाएगा. बच्चों को बसों में जनपद वाइज बैठाया जाएगा. इसकी तैयारी के लिए दो सीओ और एक एसडीएम स्तर का अधिकारी पहले चले गए हैं, ताकि वहां अधिकारियों से समन्वय स्थापित करके रखा जाए.” सरकार की तैयारी के मुताबिक कोटा से सारे बच्चे पहले आगरा पहुंचेंगे और इसके बाद सबको जांच के बाद उनके घर भेजा जाएगा.
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आगरा के एसपी (ग्रामीण) प्रमोद कुमार ने बच्चों को वापस लाने के लिए की गई तैयारियों को लेकर बताया कि वहां पहले से ही बच्चों का सैग्रिगेशन किया गया है. कोचिंग सेंटर से बात करके एरिया के हिसाब से बच्चों को बैठाकर रखा गया है. हमने ऐसी व्यवस्था की है कि 10 बस पर एक सब इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी इसका प्रभारी रहेगा. साथ ही साथ 100 बसों पर सीओ स्तर का अधिकारी रहेगा, जो समन्वय स्थापित करेगा. पूरी व्यवस्था बनाकर रखेगा.
घर वापसी को लेकर खुश नजर आए यूपी के छात्र
कोटा से उत्तर प्रदेश वापस जाने वाले छात्रों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह इस सरकार के निर्णय से बहुत खुश थे और उन्होंने यूपी और राजस्थान सरकार को धन्यवाद दिया. वहीं दूसरी ओर अन्य राज्य के छात्रों ने कहा कि हमारे राज्य की सरकारें भी हमें वापस बुलाने की व्यवस्था शीघ्र करें.
यूपी के लखनऊ में रहने वाले सात्विक गुप्ता ने कहा कि राजस्थान सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार का तहे दिल से धन्यवाद देना चाहूंगा. उन्होंने हम जैसे लोगों के लिए वापस जाने की व्यवस्था कराई. मैं जिला प्रशासन का भी धन्यवाद देना चाहूंगा. अलीगढ़ के प्रमोद शर्मा ने कहा, “राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकार को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने हमारी यह व्यवस्था की. हमारे पेरेंट्स भी यह सुनकर बहुत खुश हैं.”
अन्य राज्य के छात्रों ने भी की अपील
मध्य प्रदेश के मृदुल गुप्ता ने कहा कि मैं यहां पर 2 साल से कोचिंग कर रहा हूं. मैं एमपी और राजस्थान सरकार से आग्रह करता हूं कि हमारे भी जाने की व्यवस्था की जाए. एमपी के ग्वालियर में रहने वाले पंकज राठौर ने कहा कि यहां पर लॉकडाउन में बहुत बच्चे फंसे हैं. मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि हमारे जाने का भी जल्द से जल्द प्रबंध किया जाए.
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बिहार के कटिहार में रहने वाले नवनीत कुमार ने कहा कि मैं यहां पर मेडिकल की तैयारी कर रहा था, घर नहीं जा पा रहा हूं. मैं बिहार सरकार से आग्रह करता हूं कि कोटा में कोरोना वायरस बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में हमारे घर जाने की जल्द से जल्द व्यवस्था करवाएं. बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी हर्षवर्धन सिंह ने भी कहा, “बिहार और राजस्थान सरकार से आग्रह करता हूं कि बिहार सरकार हमारे लिए जल्द से जल्द वहां पर आने की व्यवस्था करे.”


