- गुरुवार को राहुल गांधी ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
- कोरोना को लेकर केंद्र सरकार को दिए सुझाव
देश में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कोरोना से निपटने के लिए सुझाव दिए और कहा कि हिंदुस्तान कोरोना को हराकर ही दम लेगा. हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई ऐसे सवाल भी हुए, जिससे राहुल ने खुद को किनारे कर लिया.
प्रवासी मजदूरों का अचानक से जुट जाना….
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब राहुल गांधी से प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसे टेक्निकल सवाल कह दिया. राहुल ने कहा कि बहुत सारे एक्सपर्ट हैं, जो इसका जवाब देंगे. मैंने इसको लेकर कुछ लोगों से बातचीत की है, लेकिन सरकार को इन एक्सपर्ट्स से समझकर समस्या का समाधान निकालना चाहिए. मैं इस सवाल का एक्सपर्ट नहीं हूं.
दरअसल, लॉकडाउन में लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर फंस गए हैं. उनके मदद के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने कई कदम उठाए हैं, लेकिन सही ढंग से उन्हें मदद नहीं मिल पाई है. यही वजह है कि अचानक हजारों की संख्या में वो सड़कों पर निकल आते हैं.
कहां हो गई पीएम मोदी से चूक…
कोरोने की जंग में पीएम मोदी से कहां रह गई कमी, इस सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि जिस दिन कोविड-19 को हिंदुस्तान हरा देगा, उस दिन बताऊंगा कि कमी कहां रह गई. आज सुझाव देना चाहता हूं, तू-तू-मैं-मैं नहीं करना चाहता.
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आगे राहुल गांधी ने कहा कि वो नरेंद्र मोदी से बहुत बातों में असहमति रखते हैं, लेकिन यह लड़ने का वक्त नहीं है. किसी को डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अगर हम एकजुट होकर काम करने में कामयाब हुए तो भारत इसे आसानी से हरा देगा. इसीलिए कोरोना के खिलाफ हम सबको मिलकर एक साथ लड़ना होगा.
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गैर भाजपा शासित राज्यों से भेदभाव कर रहा केंद्र?
इस बीच जब उनसे गैर बीजेपी राज्यों द्वारा टेस्टिंग किट को लेकर केंद्र सरकार पर लगाए आरोप के बारे में जवाब मांगा गया तो उन्होंने कहा कि इसका जवाब जिन्हें देना था, वो दे चुके हैं. हमारा फोकस कोरोना से लड़ने पर है. दूसरे देशों ने टेस्टिंग किट के इंतजाम कर लिए हैं. ऐसे में हमें स्ट्रैटजी के साथ चलना होगा. बिना स्ट्रैटजी के कोरोना को हरा पाना मुश्किल हो जाएगा.


