- सरकार ने 21 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था
- बड़े आर्थिक पैकेज से भी उद्योग जगत में उत्साह का माहौल नहीं
कोरोना संकट से सुस्त पड़ी इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए केंद्र सरकार ने करीब 21 लाख करोड़ के विशेष आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था. इस बड़े आर्थिक पैकेज के बावजूद उद्योग जगत में उत्साह का माहौल नहीं है.
इस बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे भी राहत देने के संकेत दिए हैं. निर्मला सीतारमण ने भाजपा नेता नलिन कोहली के साथ संवाद में कहा कि आर्थिक वृद्धि दर का ‘वास्तविक आकलन’ करना अभी संभव नहीं है. अभी यह बता पाना मुश्किल है कि यह महामारी कब शांत होती है.
दरवाजे कतई नहीं बंद कर रही
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘मैं दरवाजे कतई नहीं बंद कर रही हूं. मैं उद्योग से जानकारी लेना जारी रखूंगी, हमने जो घोषणाएं की हैं उनका क्रियान्वयन किया जाएगा. आगे स्थिति क्या रहती है उसी के हिसाब से हमें कदम उठाना होगा. इस वित्त वर्ष के अभी दो ही महीने हुए हैं. 10 महीने अभी बचे हैं.’’निर्मला सीतारमण ने ये बात ऐसे समय में कही है जब आर्थिक पैकेज को लेकर सरकार की चौतरफा आलोचना हो रही है. वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक ने पहली बार माना है कि इस साल देश की जीडीपी ग्रोथ निगेटिव में जाएगी.
Watch Smt @nsitharaman in conversation with Shri @NalinSKohli on steps being taken by the Ministry of Finance and Corporate Affairs to combat the COVID-19 crisis. #IndiaFightsCorona https://t.co/94EmvBux3G
— BJP (@BJP4India) May 23, 2020
21 लाख करोड़ के पैकेज पर क्या बोलीं
निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह पैकेज अर्थशास्त्रियों, शिक्षाविदों, पूर्व बैंकरों, वित्त मंत्रालय के पूर्व अधिकारियों और उद्योग क्षेत्र के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया. उन्होंने कहा, ‘‘पैकेज को यह ध्यान में रखकर ‘डिजाइन’ किया गया कि इस समय हम एक असाधारण स्थिति का सामना कर रहे हैं. अभी हमें यह ध्यान में रखना होगा, अर्थव्यवस्था में गिरावट पूरी तरह होगी. इसी को ध्यान में रखकर अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देना होगा.’’
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वित्त मंत्री को उम्मीद है कि भारतीय उद्यमी लॉकडाउन के बाद उबर जाएंगे. उन्होंने कहा कि हमने अर्थव्यवस्था में नकदी डालने के उपाय किए हैं. अगर, अर्थव्यवस्था में अधिक नकदी होगी तो लोगों के हाथ में पैसा रहेगा और इससे अर्थव्यवस्था फिर से शुरू हो सकेगी, मांग पैदा हो सकेगी.
बता दें कि कोरोना वायरस संकट के बीच अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए मोदी सरकार पहले ही 20.97 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा कर चुकी है. इस पैकेज में अधिक जोर कर्ज लेने पर दिया गया है. यही वजह है कि विपक्ष इस राहत पैकेज की लगातार आलोचना कर रहा है.


