https://www.biskitjunkiehouston.com/menu

https://www.menuhartlepool.com/

slot server jepang

Thursday, October 16, 2025
HomestatesUttar Pradeshग्राउंड रिपोर्ट: हिंसा के बाद अब जिंदगी दोबारा ढर्रे पर लाने की...

ग्राउंड रिपोर्ट: हिंसा के बाद अब जिंदगी दोबारा ढर्रे पर लाने की जंग लड़ रहे दिल्लीवासी – Delhi violence ground report brij puri citizens struggling to rebuild their lives

  • नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में काबू में हालात, पिछले 40 घंटों में नहीं हुई हिंसा
  • दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में सुरक्षा बल के जवान कर रहे हैं गश्त

दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में हुईं तमाम हिंसक झड़पों की वजह से राष्ट्रीय राजधानी के कुछ इलाके मानो थम से गए थे. लेकिन उन हिंसाग्रस्त इलाकों के नागरिक अब अपनी जिंदगी फिर से शुरू करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान भी लगातार गश्त और फ्लैग मार्च कर रहे हैं ताकि इलाके में शांति-व्यवस्था बनी रहे.

आज तक की टीम ने ऐसे ही कुछ इलाकों की ग्राउंड रिपोर्ट की और पीड़ित परिवारों का दर्द दुनिया के सामने लाने की कोशिश की. ब्रह्मपुरी के निवासी इकबाल अहमद ने हिंसा में अपने इकलौते बेटे अमन को खो दिया है. उन्हें ऐसा लगता है कि जैसे उनकी जिंदगी तबाह हो चुकी है. जब आज तक की टीम उन तक पहुंची तो वे अपने बेटे के अंतिम संस्कार की तैयारियों में लगे हुए थे.

2 घंटे तक नहीं मिली एम्बुलेंस

इकबाल ने आज तक को बताया, “अमन केवल 15 साल का था. उसे गोली मार दी गई थी जब वह 25 फरवरी को जाफराबाद में अपने ट्यूशन क्लास से वापस आ रहा था. वह बचाया जा सकता था लेकिन हमें कोई चिकित्सीय सहायता नहीं मिली यही नहीं कम से कम 2 घंटे तक एक एम्बुलेंस नहीं मिली.”

यह भी पढ़ें: शाहीन बाग को लेकर खुफिया अलर्ट….सतर्क हुई दिल्ली पुलिस

आपको बता दें कि इकबाल किराये के मकान में रहते हैं. पत्नी के अलावा उनकी दो बेटियां हैं. पति-पत्नी दोनों मिलकर गुजारे के लिए सिलाई जैसे छोटे-मोटे काम करते हैं. लेकिन उनकी आर्थिक हालात काफी कमजोर है.

पूरा का पूरा स्कूल हो गया बर्बाद

हिंसा की वजह से सिर्फ जानें ही नहीं गई हैं बल्कि छात्रों का भविष्य भी अधर में लटक गया है. आज तक ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बृज पुरी में अरुण मॉडर्न पब्लिक स्कूल का दौरा भी किया. बता दें कि यह इलाका हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है. आज तक की टीम को इमारत की चारदिवारी और अवशेष मिले.

स्कूल की प्रिंसिपल ज्योति रानी ने आज तक को बताया, “सभी समुदायों के बच्चे यहां पढ़ाई करने आते थे. दंगाइयों ने शिक्षा के मंदिर को भी नहीं छोड़ा. बच्चों ने 24 फरवरी को अपनी परीक्षा दी थी और अब सब कुछ बर्बाद हो चुका है. किताबों से लेकर कंप्यूटर तक हमारे पास कुछ भी तो नहीं बचा है.”

यह भी पढ़ें: नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में शांति, रात भर सुरक्षा बलों ने किया फ्लैग मार्च

10 वीं कक्षा की छात्रा शिवानी अपने एडमिट कार्ड को लेकर काफी परेशान थी. परीक्षा में बैठने के लिए शिवानी को उसकी जरूरत थी. शिवानी का एडमिट कार्ड भी हिंसा में जल चुका है.

परीक्षा छोड़ जान बचाकर भागा 12वीं का छात्र

कक्षा 12 का एक अन्य छात्र, हर्ष मलिक, 24 फरवरी को हुई अपनी बोर्ड परीक्षा देने से चूक गया. उसने आज तक को बताया, “मैं किसी तरह जाफराबाद में परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में कामयाब रहा, लेकिन इससे पहले कि मैं स्कूल में प्रवेश कर पाता, दंगे भड़क गए और मुझे अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा. मुझे नहीं पता कि मुझे परीक्षा में बैठने का दूसरा मौका दिया जाएगा या नहीं.”

खाने का एक निवाला खरीदने के भी पैसे नहीं बचे

कुछ लोगों के लिए उनकी पूरी जिंदगी की बचत आग की लपटों की भेंट चढ़ गई. बृज पुरी के निवासी संजय कौशिक ने आज तक को बताया, “मैंने अपने घर और गोदाम के निर्माण के लिए अपनी पूरी जिंदगी की बचत का इस्तेमाल किया था. जब दंगाइयों ने हमारे इलाके पर हमला किया, तो मैं अपने बच्चों और पत्नी को लेकर जान बचाने के लिए भाग गया. जब मैं 24 घंटे बाद वापस आया तो सबकुछ जलकर राख हो चुका था. मेरे परिवार के लिए खाने का एक निवाला भी खरीदने के लिए मेरे पास पैसे नहीं बचे हैं.”

आजतक के नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट और सभी खबरें. डाउनलोड करें

  • Aajtak Android App
  • Aajtak Android IOS




Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS

casino online slot depo 10k bonus new member slot bet 100 slot jepang
slot depo 10k slot gacor slot depo 10k slot bet 100 slot777 slot depo 5k slot online