सूरजपुर. छत्तीसगढ़ में सरकार द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लगातार दावे किए जाते हैं, लेकिन धरातल की सच्चाई कुछ अलग है. सूरजपुर जिले में वर्षो से खुले मे शवों के पोस्टमार्टम किए जाते हैं. सूरजपुर जिले के प्रतापपुर और भटगांव थाना क्षेत्र में आए दिन आपको ऐसे दृश्य दिख जाएंगे कि किस प्रकार से शवों के पोस्टमार्टम खुले मैदान या जंगलों में किए जाते हैं.
बता दें कि दो साल पहले इन क्षेत्रों में पोस्टमार्टम कक्ष बनाए तो गए हैं, लेकिन ये औचित्यहीन हैं. दरअसल यहां पानी और बिजली की आपूर्ति नहीं होती है, ऐसे में पानी-बिजली के अभाव में पोस्टमार्टम खुले मे ही किए जाते हैं. इतना ही नहीं पोस्टमार्टम करनेवाले कर्मियों का भी अभाव है.
ऐसे में मृतकों के परिजनों को ही मजबूरी में पैसे खर्च कर पोस्टमार्टम करने वालों को खोज के लाने को कहा जाता है. यही कारण है कि खुले में पोस्टमार्टम किया जाता है. इससे कई प्रकार के संक्रमण का खतरा बना रहता है. वहीं मृतकों के परिजनों के सामने ही पोस्टमार्टम की विचलित करने वाली स्थिति होती है.
स्वास्थ्य विभाग से वर्षो से स्थानीय लोग पोस्टमार्टम कक्ष और कर्मचारियों की मांग करते आ रहे हैं. दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी खुले मे पोस्टमार्टम से इंकार करते हुए पोस्टमार्टम कक्ष का निर्माण सभी थाना क्षेत्रों में होने का दावा करते हैं. बहरहाल, अधिकारियों तो महज दावा करके अपनी खानापूर्ती कर लेते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत लोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है.
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Tags: Chhattisgarh news, Postmartem
FIRST PUBLISHED : September 23, 2022, 11:45 IST
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