हाइलाइट्स
जगदलपुर के करितगांव हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाले स्कूली बच्चों की अनोखी सोच.
जो बच्चे अपने घर से जलपान या टिफिन नहीं ला पाते उन बच्चों को फूड बैंक देगा टिफिन.
जिन छात्रों के पास रुपये नहीं होंगे उसे बच्चों का फूड बैंक से उधार में भोजन दिया जाएगा.
रिपोर्ट- प्रकाश कुमार
जगदलपुर. बस्तर के इलाके का वनाचंल बीहड़ माओवाद प्रभावित ऐसा क्षेत्र है जहां आज भी बहुत से गांवों में खाने-पीने के पर्याप्त साधन तक उपलब्ध नहीं हैं. मगर एक सच है कि इन इलाकों में भी स्कूल खोले गए हैं. इन दूर-दराज इलाकों में विद्यालय तो खुल गए मगर यहां छात्र-छात्राओं द्वारा टिफिन लाने का चलन नहीं है. लेकिन, अब स्कूली बच्चों ने एक अनोखी पहल करते हुए अपने स्कूल में ‘फूड बैंक’ खोलकर नई पहल की है जो आज सुर्खियां बटोर रही है.
दरअसल, जिला मुख्यालय से महज 15 किमी दूर करितगांव हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाले स्कूली बच्चों ने टिफिन नहीं लाने वाले अपने साथियों की भूख मिटाने के लिए चंदा इकट्ठा कर स्कूल में ‘फूड बैंक’ खोला है. जो बच्चे स्कूल आने की जल्दबाजी में अपने घर से जलपान या टिफिन नहीं ला पाते वो बच्चे ‘फूड बैंक’ से आहार खरीदकर अपनी भूख मिटा सकते हैं.
इस ‘फूड बैंक’ में इस बात की सुविधा दी गई है कि जिस बच्चे के पास रुपये नहीं होंगे उसे उधारी भी दी जा सकती है. स्कूल में बच्चों द्वारा ‘फूड बैंक’ खोले जाने के सराहनीय पहल पर स्कूल प्रबंधन बताता है कि बच्चों की ये पहल उनकी नई सोच को दर्शाती है जो बिल्कुल ही अनूठी है.
करितगांव स्कूल के प्रभारी प्रिंसिपल गुप्तेश्वर आचार्य कहते हैं, ये बात सच है कि बहुत से बच्चे दूर गांवों से आने कारण अपने घरों से भूखे ही स्कूल आ जाते हैं. लेकिन इस नायाब तरीके से अब स्कूल में उपस्थिति संख्या में बढ़ोतरी हुई है. आने वाले वक्त में इस पहल में कुछ और सुधार किए जाएंगे ताकि ग्रामीण बच्चों को भूख की वजह से स्कूल आने में कोई दिक्कत न हो.
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Tags: Bastar news, Chhattisagrh news, Food diet
FIRST PUBLISHED : September 20, 2022, 15:08 IST
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