Wednesday, June 25, 2025
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छत्तीसगढ़ DMF घोटाला: कोरबा से 4 अफसर अरेस्‍ट, 13 मई तक पुलिस रिमांड

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छत्तीसगढ़ DMF घोटाले में ACB और EOW ने 4 सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. IAS रानू साहू पहले से जेल में हैं. जांच में करोड़ों की अनियमितता और फर्जी भुगतान का खुलासा हुआ है. सरकार ने भी स्पष्ट किया है कि द…और पढ़ें

छत्तीसगढ़ DMF घोटाला: कोरबा से 4 अफसर अरेस्‍ट, 13 मई तक पुलिस रिमांड

डीएमएफ घोटाले में कोरबा से 4 अफसरों को अरेस्‍ट किया है.

कोरबा /रायपुर.  छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जिला खनिज निधि (DMF) घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने बड़ी कार्रवाई की है. कोरबा जिले से 4 सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है. 13 मई तक पुलिस रिमांड पर भेजा दिया है. इनमें तत्कालीन DMF नोडल अधिकारी भरोसा राम ठाकुर, जनपद CEO भूनेश्वर सिंह राज, जनपद CEO राधेश्याम मिर्झा और वर्तमान पत्थलगांव जनपद CEO वीरेंद्र कुमार राठौर शामिल हैं. इन सभी पर करोड़ों की अनियमितता, फर्जी भुगतान, बिना कार्य के राशि निर्गमन और योजनाओं को कागजों पर पूर्ण दिखाकर राशि निकालने जैसे गंभीर आरोप हैं. राज्य सरकार ने भी स्पष्ट किया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी.

गिरफ्तार अधिकारियों को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 13 मई तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. जांच एजेंसियों ने प्रारंभिक पूछताछ के दौरान चारों अधिकारियों को आमने-सामने बैठाकर सवाल-जवाब किए और उनके पास से कई अहम दस्तावेज, बैंक ट्रांजेक्शन डिटेल्स, भुगतान प्रमाण मिले हैं. जांच में खुलासा हुआ है कि जिन विकास कार्यों का भुगतान हुआ, वे कभी जमीन पर अस्तित्व में ही नहीं थे.

सेंट्रल जेल में बंद हैं IAS रानू साहू
इस मामले में पहले ही IAS रानू साहू, सहायक आयुक्त माया वरियर, और NGO संचालक मनोज कुमार द्विवेदी रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में सामने आया है कि ठेकेदारों से 15% से 40% तक कमीशन की वसूली की गई थी, जिससे कार्यों की गुणवत्ता प्रभावित हुई. अदालत ने रानू साहू से हर दिन 7 घंटे तक पूछताछ की अनुमति दी है और इसके लिए जांच एजेंसी को 5 दिन का समय दिया गया है.

23 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क
ED ने अब तक इस मामले में 23 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है. जांच एजेंसी को संदेह है कि अधिकारियों और ठेकेदारों के साथ-साथ राजनीतिक हस्तियों की भी मिलीभगत है. इस मामले में कोरबा, बैकुंठपुर, बलरामपुर, जांजगीर, बिलासपुर और सूरजपुर में छापेमारी की जा चुकी है.

ACB/EOW प्रमुख का बयान
ACB/EOW प्रमुख अमरेश मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तार अधिकारियों से जारी पूछताछ के दौरान कई और नाम सामने आने की संभावना है. उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां घोटाले की हर परत खोलने के लिए लगातार काम कर रही हैं. DMF फंड का मूल उद्देश्य खनन प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास और स्थानीय लोगों की भलाई सुनिश्चित करना है. लेकिन इस घोटाले ने सरकार की नीतियों और निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. घोटाले के सामने आने के बाद आम जनता और सामाजिक संगठनों में आक्रोश है और पारदर्शी जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है.

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