- जिस केंद्र पर हंगामा हुआ, 2 कोरोना मरीज मिले
- कोरोना मरीज मिलने पर रसोईया भागाः अधिकारी
- मजदूरों का आरोप- सुबह से खाने को नहीं मिला
- बिहार लौटे 175 प्रवासी मजदूर कोरोना पॉजिटिव
देशभर से बिहार लौट रहे प्रवासी मजदूरों को राज्य सरकार ने 21 दिनों के लिए क्वारनटीन करने का निर्देश जारी कर रखा है. सरकार का दावा है कि इन क्वारनटीन केंद्रों में मजदूरों के लिए समुचित व्यवस्था की गई है ताकि इन्हें किसी प्रकार की मुश्किल ना हो, लेकिन हकीकत दावों के उलट दिख रही है.
भले ही राज्य सरकार यह दावा कर रही हो कि प्रवासी मजदूरों के लिए समुचित व्यवस्था की गई है, लेकिन कई जगहों से अव्यवस्था की ऐसी तस्वीरें अब सामने आने लगी हैं जहां पर क्वारनटीन केंद्रों पर प्रवासी मजदूरों ने जमकर बवाल मचाना शुरू कर दिया है.
ऐसी घटनाओं से ऐसा लगता है कि बिहार में क्वारनटीन केंद्रों की व्यवस्था भगवान भरोसे ही है. ताजा तस्वीर पटना के बाढ़ के पंडारक ब्लॉक की है जहां पर आज मंगलवार को प्रवासी मजदूरों ने जमकर बवाल मचाया.
क्वारनटीन केंद्रों में रखे गए प्रवासी मजदूरों ने आरोप लगाया कि क्वारनटीन केंद्र में मंगलवार सुबह से ही मजदूरों को खाने के लिए कुछ भी नहीं दिया गया है.
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इसी बात से नाराज तो प्रवासी मजदूरों ने क्वारनटीन केंद्र में पहले तो खाने को लेकर हंगामा मचाया और उसके बाद जमकर क्वारनटीन केंद्र में मौजूद कुर्सियों पर अपनी भड़ास निकाला और उसे चकनाचूर कर दिया.
डर से भाग गए रसोईया और स्वीपर
बाढ़ के सर्कल अधिकारी ने बताया कि इसी क्वारनटीन केंद्र से 2 प्रवासी मजदूर कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए जिसके बाद प्रवासी मजदूरों के लिए इस केंद्र पर खाना बनाने वाला रसोईया डर की वजह से भाग गया.
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प्रवासी मजदूरों को हुई अव्यवस्था पर बाढ़ से सर्कल अधिकारी अश्विनी कुमार ने कहा, ‘क्वारनटीन केंद्र से 2 कोविड-19 पॉजिटिव मरीज पाए जाने के बाद यहां पर काम करने वाला रसोईया और स्वीपर डर की वजह से भाग गए.’
उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति यहां पर काम नहीं करना चाहता है. इसी वजह से कुछ देर के लिए इस क्वारनटीन केंद्र में अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. लेकिन हम लोगों ने अभी हालात को संभाल लिया है.’
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अब तक सवा लाख प्रवासी पहुंचे
बता दें कि श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत होने के बाद से बिहार में अब तक एक 1.25 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर वापस आ चुके हैं. रेलवे ने अब तक तकरीबन 100 विशेष ट्रेन चलाकर इन प्रवासी मजदूरों को बिहार पहुंचाया है.
अगले 1 सप्ताह में करीब इतनी ही संख्या में और विशेष ट्रेनों के जरिए इतनी ही संख्या में प्रवासी मजदूर बिहार लौटने वाले हैं. चिंता की बात यह भी है कि अब तक जितने प्रवासी मजदूर बिहार लौटे हैं उनमें से तकरीबन 175 कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं.
आरजेडी ने सरकार पर साधा निशाना
विपक्षी दल आरजेडी ने भी आरोप लगाया है कि बिहार में कई क्वारनटीन केंद्रों की हालत जर्जर है. आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार के क्वारनटीन केंद्रों की बदहाली रोज सामने आ रही है. बाढ़ की घटना से यह साबित होता है कि अगर प्रवासी मजदूरों को वहां सुविधा नहीं दी जाएगी तो उनका गुस्सा इसी प्रकार से निकलेगा. सरकार ने क्वारनटीन केंद्रों को लेकर जो मानक तय किए हैं. उसके हिसाब से प्रवासी मजदूरों को सुविधा नहीं दी जा रही है.
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कोई अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं- जेडीयू
बाढ़ की घटना को लेकर राज्य सरकार भी बैकफुट पर है. जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि बाढ़ के अलावा प्रदेश के अन्य हिस्सों से भी प्रवासी मजदूरों के द्वारा क्वारनटीन केंद्रों में हंगामे की खबरें आई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि क्वारनटीन केंद्रों को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए.
जनता दल यूनाइटेड के जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि प्रशासन के किसी भी व्यक्ति की गलती की वजह से अगर क्वारनटीन केंद्रों में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा. अभी के समय में कोई भी अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जो भी अधिकारी दोषी पाए जाएंगे वह नप जाएंगे.