- गोवा में कोविड-19 से संक्रमित एक भी मरीज नहीं
- महाराष्ट्र में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 4,200 पार
- नियमों की सख्ती से कोरोना पर पाई विजय
कोरोना वायरस ने देश के जिस राज्य में सबसे ज्यादा तबाही मचाई है, वह राज्य महाराष्ट्र है. महाराष्ट्र में बीते 24 घंटे में 552 नए केस सामने आए हैं और कोविड-19 के शिकार मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. यहां कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 4200 हो गई है, जो देश के किसी भी राज्य से ज्यादा है. लेकिन महाराष्ट्र से ही सटे छोटे राज्य गोवा ने कोरोना के खिलाफ जंग को जीत लिया है. गोवा कोरोना को मात देने वाला देश का पहला राज्य बन गया है और अब यहां एक भी कोरोना मरीज नहीं है.
गोवा रविवार को कोरोना वायरस मुक्त हो गया. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने ऐलान किया कि राज्य में कोरोना संक्रमण के एक भी सक्रिय केस नहीं हैं. पहले से जो 7 लोग संक्रमित थे, वे पूरी तरह से ठीक होकर डिस्चार्ज हो गए हैं. लगातार लोगों का टेस्ट किया जा रहा है, लेकिन संक्रमण का फैलाव नहीं हुआ है. समय रहते ही गोवा ने यह जंग जीत ली है.
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गोवा उन राज्यों में से एक था, जिसने लॉकडाउन का पालन तब से किया, जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता कर्फ्यू का आह्वान किया. उससे पहले भी गोवा अपने यहां आने वाले यात्रियों की टेस्टिंग और होम क्वारनटीन की प्रक्रिया पर आगे बढ़ काम करना शुरू कर दिया था.
कैसे कोरोना फ्री हुआ गोवा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया था. 23 और 24 मार्च को गोवा ने इस कर्फ्यू को बढ़ा दिया था. राज्य में लोगों को बाहर निकलकर आने की मनाही थी, लोग अपने-अपने घरों में आइसोलेट रह रहे थे. बाहर से गोवा आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग कराई जा रही थी, थर्मल टेस्ट किया जा रहा था. संक्रमण बढ़ा तो सीएम प्रमोद सावंत ने यह तय किया कि राज्य की सीमाओं को सील करना ज्यादा जरूरी है.
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गोवा में कुल संक्रमितों की संख्या 7 थी और सात पर ही खत्म हो गई. जो लोग संक्रमित थे, उनसे जुड़े लोगों की पूरी ट्रेसिंग की गई. फर्स्ट और सेकेंड ट्रेसिंग की गई, ज्यादा से ज्यादा लोगों को होम क्वारनटीन किया गया. विदेश से आने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखी गई. काफी लोगों की टेस्टिंग की गई और अब नतीजा सबके सामने है.
3 मई तक लॉकडाउन में नहीं मिलेगी ढील
गोवा कोरोना संक्रमण मुक्त पहला राज्य बना है फिर भी यहां किसी तरह की ढिलाई अब भी नहीं बरती जा रही है. सीएम प्रमोद सावंत ने तय किया है 3 मई से पहले लॉकडाउन में ढील नहीं दी जाएगी. इतने खतरनाक स्तर पर फैलने वाले इस वायरस से बचाव ही इसका उपाय है. सीएम ने कहा कि राज्य के मेडिकल कॉलेज, मेडिकल स्टाफ, डॉक्टर और पैथोलॉजी लैब की सक्रियता से इस बीमारी को हरा तो दिया गया लेकिन लॉकडाउन में ढील दी गई होती तो नतीजे ऐसे नहीं होते.
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केंद्र सरकार की गाइड लाइन का पालन
केंद्र सरकार ने कहा है कि जिन इलाकों में कोरोना के एक भी केस नहीं हैं, उन इलाकों में 30 अप्रैल को इंडस्ट्रियल काम शुरू कर दिए जाएंगे. गोवा में भी कुछ फॉर्मा कंपनियों को चलाने की इजाजत तो मिलगी लेकिन इसके लिए शर्त बेहद कठिन होगी. कंपनियों को सेनेटाइजेशन और सोशल डिस्टेंस का अनिवार्य तौर पर पालन करना होगा. फार्मा कंपनियां और फूड इंडस्ट्री को राहत मिलेगी लेकिन उन्हें भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना ही होगा.
टूरिज्म पर अभी फैसला नहीं
गोवा में पर्यटन उद्योग सबसे प्रमुख है. पर्यटन उद्योग के घाटे की भरपाई पर सीएम प्रमोद सावंत ने कहा है टूरिज्म का हमें नुकसान तो जाहिर तौर पर होगा. टूरिस्ट कोरोना फ्री होने के बाद ही आएंगे. 3 मई तक किसी को भी गोवा में एंट्री नहीं देंगे. केंद्र सरकार जो भी गाइडलाइन जारी करेगी, उसी का पालन किया जाएगा. गोवा ने अपने सबसे प्रमुख उद्योगों को ठप कर दिया है. लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग पर केंद्र सरकार की सलाह पर ध्यान दिया गया, नतीजन गोवा कोरोना मुक्त राज्य है.
महाराष्ट्र में कहां हुई चूक?
महाराष्ट्र में लगातार बढ़ रहे मामले केंद्र और राज्य की चिंता बढ़ाने वाले हैं. राज्य में पूरी तरह से पांबदी लागू है, लॉकडाउन है, फिर भी संक्रमण के नए केस रोज सामने आ रहे हैं. स्थिति अब भयावह हो गई है. सघन आबादी की वजह से महाराष्ट्र में केस कम नहीं हो रहे हैं.
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महाराष्ट्र में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अगर ठीक तरह से नहीं हुआ तो हालात बुरे होंगे. सबसे सघन आबादी वाली जगह धारावी तक कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है. अगर महाराष्ट्र में भी दिल्ली सरकार की तरह से ऑपरेशन शील्ड लागू नहीं किया जाता है तो हालात महाराष्ट्र में और ज्यादा खराब हो सकते हैं.


