Last Updated:
Agriculture News: एक एकड़ खेती पर करीब 20 हजार रुपये तक की लागत आती है जबकि किसान इससे 70 से 80 हजार रुपये तक की आमदनी पा सकते हैं. यानी किसानों को अपनी लागत से करीब 70 फीसदी ज्यादा लाभ मिलता है.
बालोद. छत्तीसगढ़ में जैसे-जैसे ठंड का मौसम दस्तक दे रहा है, वैसे-वैसे किसान रबी सीजन की फसलों की तैयारी में जुट गए हैं. इन दिनों राज्य के कई जिलों में किसान सब्जी उत्पादन की ओर रुख कर रहे हैं, जिनमें फूलगोभी की खेती सबसे ज्यादा लोकप्रिय हो रही है. इसका कारण है कम समय में तैयार होना, बाजार में उच्च मांग और दोहरा लाभ. बालोद जिले के ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी गणेश शंकर निर्मलकर ने लोकल 18 को बताया कि अगर किसान थोड़ी सी तकनीकी जानकारी के साथ खेती करें, तो इससे शानदार मुनाफा कमाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि फूलगोभी की खेती के लिए किसानों को पहले एक महीने की तैयारी करनी होती है. खेत की मिट्टी को भुरभुरी और उपजाऊ बनाने के लिए 2 से 3 बार अच्छी तरह जुताई करनी चाहिए. इसके बाद मांदा बनाकर लगभग एक माह बाद पौधों की रोपाई की जाती है. ठंड के मौसम में वर्तमान समय अगेती किस्मों की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है.
गणेश निर्मलकर ने बताया कि फूलगोभी की पूसा कार्तिकी, पूसा अगेती और पूसा चंद्रमुखी जैसी उन्नत किस्में किसानों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय हैं. इन किस्मों की विशेषता यह है कि यह कम समय में तैयार होती हैं और बाजार में उच्च दाम दिलाती हैं. अगेती किस्म की फूलगोभी केवल डेढ़ माह में कटाई योग्य हो जाती है. एक से डेढ़ माह में फसल में गंठ (फूल) बनना शुरू हो जाता है और इसके 15 से 20 दिन बाद यह बिक्री के लिए तैयार हो जाती है.
फूलगोभी से किसानों को दोहरा लाभ
उन्होंने बताया कि एक एकड़ खेत में लगभग 25 टन तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है. फूलगोभी से किसानों को दोहरा लाभ मिलता है. एक तरफ इसकी पत्तियां हरी भाजी के रूप में बिकती हैं और दूसरी तरफ इसका फूल बाजार में अलग से बेचा जाता है. इस प्रकार किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाती है.
एक एकड़ में 20 हजार रुपये लागत
निर्मलकर ने आगे बताया कि एक एकड़ खेती पर लगभग 20 हजार रुपये तक की लागत आती है जबकि किसान इससे 70 से 80 हजार रुपये तक की आमदनी प्राप्त कर सकते हैं. यानी किसानों को अपनी लागत से करीब 70 प्रतिशत ज्यादा लाभ मिलता है. उन्होंने यह भी कहा कि ठंड का मौसम फूलगोभी की खेती के लिए सबसे अनुकूल होता है क्योंकि इस मौसम में रोग और कीटों का प्रकोप बहुत कम रहता है. नियमित सिंचाई, समय पर खरपतवार नियंत्रण और संतुलित जैविक खाद के प्रयोग से किसान और भी बेहतर परिणाम पा सकते हैं.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
Source link


