ग्वालियर की केंद्रीय जेल में बंद दबोह जिले के कैदी की अचानक तबियत खराब होने से मौत हो गई। मृतक बंदी के परिजन का आरोप है कि लगातार टालमटोल करने के बाद उन्हें सुबह दी गई बंदी मनोज यादव की मौत हो जाने की जानकारी। परिजन का आरोप है कि बंदी मनोज की जेल के अंदर हत्या कर दी गई है। इसी आशंका से गुस्साए परिजन जेल प्रशासन के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।दरअसल ग्वालियर केंद्रीय जेल में बंद यूपी के दबोह जिला निवासी मनोज यादव दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के मामले में 7 साल से सेंट्रल जेल में बंद है। मृतक के परिजनों ने न्यायालय में जमानत के लिए अपील की थी, जिसके बाद बुधवार को न्यायालय ने जेल में बंद मनोज यादव को जमानत दे दी थी।
जमानत मिलने के बाद परिजन बुधवार को मनोज को लेने जेल गए थे। लेकिन न्यायालय से परवाना समय पर नहीं पहुँचा और शाम होने के कारण जेल में बंद मनोज को रिहा नहीं किया जा सका था। जेल प्रशासन ने सुबह मनोज को छोड़ने की बात कही थी। इसके बाद गुरुवार सुबह जब परिजन मनोज को लेने जेल गए तो जेल प्रशासन ने मनोज की अचानक तबियत खराब होने के बाद मौत हो जाने की सूचना दी थी। परिजन का दावा है कि जेल प्रशासन ने उन्हें बताया था कि मनोज की तबियत अचानक से खराब होने पर उसे जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। परिजनों को जैसे ही मनोज की मौत की जानकारी मिली उन्होंने जेल के बाहर हंगामा कर दिया। वहीं जेल प्रशासन का कहना हैं की बीती देर रात लगभग 3 बजे मनोज की तबियत बिगड़ने के कारण जेल में मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने उसे जयारोग्य चिकित्सालय में रैफर कर दिया था। रास्ते में सम्भवतः उसकी मौत हो गई। प्रारंभिक पड़ताल के बाद जेल प्रशासन का मानना है कि बंदी की मौत की वजह संभवतः हार्ट अटैक रही होगी। फिलहाल पुलिस ने मनोज के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है, जहां उसका पोस्टमार्टम जारी है। ऐसे में मनोज की मौत की असल वजह का खुलासा अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा।
बाइट – विदित सिरवैया, जेल अधीक्षक, ग्वालियर सेंट्रल जेल
बाइट – पूजा, मृतक बंदी की बहन