कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन की वजह से अभिभावकों को टेंशन है कि बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं, ऐसे में स्कूल वाले फीस की मांग न कर लें.
इसी समस्या को दूर करने के लिए बिहार राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (BSCPCR) ने राज्य भर के प्राइवेट स्कूलों को मार्च और अप्रैल के महीने के लिए परिवहन शुल्क सहित ट्यूशन फीस नहीं लेने का निर्देश दिया है.
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BSCPCR की चेयरपर्सन डॉ प्रमिला कुमारी ने रविवार को कहा, ” हमने सभी प्राइवेट स्कूलों से मार्च और अप्रैल के लिए मानवीय आधार पर मासिक फीस की मांग नहीं करने के लिए कहा है. कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण अभिभावक काफी दबाव में हैं, लोगों को राहत की जरूरत है. ऐसे में 15 अप्रैल को नोटिस जारी कर जानकारी दे दी गई थी.
लॉकडाउन अवधि के दौरान जो प्राइवेट स्कूल आदेश का पालन नहीं करेंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, स्कूल के अधिकारियों की भी अलग चिंता है. क्योंकि उन्हें भी अपने शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को वेतन देना पड़ता है.
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डॉ प्रमिला कुमारी ने कहा, हम लॉकडाउन समाप्त होने के बाद माता-पिता के साथ-साथ स्कूल अधिकारियों से इस संबंध में चर्चा करेंगे.
पिछले हफ्ते, पटना जिला प्रशासन ने राज्य की राजधानी के सभी निजी स्कूलों को निर्देश दिया था कि वे माता-पिता को कोरोना वायरस लॉकडाउन अवधि के दौरान एक महीने से अधिक समय तक फीस देने के लिए मजबूर न करें.


