- स्कूलों में 10वीं तक मराठी की पढ़ाई को अनिवार्य
- अभी तक मराठी भाषा विषय महज एक ऑप्शनल था
- इस मुद्दे पर मनसे लंबे समय तक आंदोलन भी कर चुकी है
महाराष्ट्र में लंबे समय से स्कूलों में मराठी को अनिवार्य करने की मांग की जा रही थी. इसी मांग को लेकर महाराष्ट्र में विभिन्न दल अपनी राजनीति भी कर रहे थे. गुरुवार को सरकार ने इस मांग को पूरा करते हुए स्कूलों में मराठी की पढ़ाई को अनिवार्य कर दिया. बता दें कि इस मामले में राज ठाकरे की मनसे लंबे समय तक आंदोलन भी कर चुकी है.
सिर्फ ठाकरे ही नहीं छगन भुजबल ने भी स्कूलों में मराठी को अनिवार्य करने की मांग की थी. राज ठाकरे भी इसकी काफी समय से मांग कर रहे थे. शिवसेना की सरकार बनने के साथ ही ये मांग काफी तेज हो गई थी.
ठाकरे सरकार ने मराठी माणुस की राजनीति को आगे बढ़ाते हुए ये कदम बढ़ा दिया. राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में दसवीं कक्षा तक मराठी भाषा को अनिवार्य कर दिया है. ये नियम इतना सख्त बनाया है कि ऐसा न करने वाले स्कूलों से सरकार जुर्माना भी वसूलेगी.
इसके लिए ठाकरे सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में बिल पेश किया. बिल पास कराकर सरकार शैक्षणिक सत्र से सूबे के स्कूलों में लागू कर रही है. प्राथमिक स्तर पर पहली कक्षा में ये लागू होगा वहीं उच्च प्राथमिक व माध्यमिक स्तर पर छठी कक्षा से दसवीं कक्षा तक मराठी भाषा पढ़ना अनिवार्य होगा. वहीं इस नियम को ना मानने वाले स्कूलों पर एक लाख का जुर्माना भी लगेगा. बता दें कि बिल ऊपरी सदन मे पहले ही पास हो चुका है.
बिल के पारित होने के बाद महाराष्ट्र बोर्ड के अलावा दूसरे सभी बोर्डो के स्कूलों में भी मराठी भाषा स्टूडेंट्स को पढ़ाना अनिवार्य हो जायेगा. फिलहाल सूबे के सभी स्कूलों में मराठी भाषा विषय महज एक ऑप्शनल था.


