- कई शहरों से स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले के मामले सामने आए
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्त कर चुके हैं चिंता
देश इस वक्त कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा है, जिसमें डॉक्टर्स अहम भूमिका निभा रहे हैं. एक ओर जहां इस कठिन समय में आगे से लड़ाई लड़ रहे डॉक्टर्स की सराहना की जा रही है तो वहीं कुछ जगहों पर उन पर हमले की भी खबरें आईं. अब इस बीच, गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा को लेकर राज्यों को खत लिखा है.
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर कहा है कि जो लोग स्वास्थ्य सेवाओं में काम कर रहे हैं, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें. पत्र में स्वास्थ्य और सीमावर्ती श्रमिकों पर हमले के मामलों में सख्त कार्रवाई करने के बारे में भी लिखा है. ये जानकारी गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने शुक्रवार को दी.
इंदौर में स्वास्थ्यकर्मियों की टीम पर हमला
इंदौर के टाट पट्टी इलाके में जब स्वास्थ्यकर्मियों की एक टीम जब कुछ कोरोना वायरस मरीजों की जांच के लिए पहुंची तो वहां मौजूद लोगों ने उन पर पथराव कर दिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और बाद में पुलिस ने कार्रवाई की.
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सिर्फ इंदौर ही नहीं, बीते दिनों कई शहरों से इस तरह के मामले सामने आए थे. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि जो लोग संकट की घड़ी में भगवान के रूप में हमारे लिए काम कर रहे हैं, उनके साथ इस तरह का व्यवहार करना बिल्कुल गलत है.
आइसोलेशन वार्ड में बिना पैंट घूम रहे तबलीगी जमात के मरीज
उधर, गाजियाबाद में एक अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में तबलीगी जमात के बिना पैंट में घूमने का भी मामला सामने आया. एमएमजी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने पत्र लिखकर शिकायत की कि आइसोलेशन वार्ड में रखे गए कोरोना वायरस के संभावित मरीज जो तबलीगी जमात से ताल्लुक रखते हैं वो वार्ड में बिना कपड़ों के घूमते रहते हैं.
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नर्सों ने की थी जमाती मरीजों की शिकायत
इसके अलावा पत्र में यह भी लिखा गया है कि जमाती मरीज स्टाफ नर्स के सामने अश्लील गाने सुनते हैं और गंदे-गंदे इशारे करते रहते हैं. इतना ही नहीं डॉक्टरों और नर्सों से वो लोग बीड़ी और सिगरेट की मांग भी कर रहे हैं.


