Saturday, June 28, 2025
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राकेश मारिया का खुलासा- कसाब को समीर के रूप में मारने की थी लश्कर की योजना – Rakesh maria memoir ajmal kasab was to die as samir chaudhari let planned to project 2611 as hindu terror

  • आतंकी हमले में 166 मारे गए जबकि 300 से अधिक घायल हुए
  • दाऊद इब्राहिम ने बनाई थी आतंकी कसाब को मारने की योजना
  • कसाब को हिंदू आतंकी के रूप में साबित करने की थी मंशा

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी आत्मकथा में दावा किया है कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमले को ‘हिंदू आतंक’ साबित करने और पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल कसाब को बेंगलुरु के समीर चौधरी के रूप में मरने के लिए प्रोजेक्ट करने की योजना बनाई थी.

पूर्व कमिश्नर मारिया ने सोमवार को जारी अपनी आत्मकथा ‘Let Me Say It Now’ में, 26/11 के मुंबई आतंकी हमले में खुद की ओर से की गई जांच का जिक्र किया. इस आतंकी हमले की योजना लश्कर ने बनाई थी और इसमें पाकिस्तान का हाथ था.

दाऊद को मिली मारने की जिम्मेदारी

आत्मकथा में मारिया ने लिखा है कि आईएसआई और लश्कर जेल में बंद कसाब को मारने की कोशिश में जुटे हुए थे क्योंकि वह इस हमले का मुख्य गवाह था और दाऊद इब्राहिम के गिरोह को उसे मारने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

26/11 आतंकी हमले को ‘हिंदू आतंकवाद’ के रूप में पेश करने की लश्कर की योजना का वर्णन करते हुए पूर्व कमिश्नर मारिया ने लिखा, ‘यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता, तो कसाब समीर चौधरी के रूप में मारा जाता और मीडिया की ओर से इस हमले के लिए ‘हिंदू आतंकवादियों’ को दोषी ठहराया जाता.

उन्होंने अपनी किताब में यह भी उल्लेख किया कि आतंकवादी संगठन ने कथित तौर पर आतंकवादियों पर भारतीय पते के साथ फर्जी आईडी कार्ड लगा रखे थे.

आतंकी हमले के बाद जारी की गई कसाब की एक तस्वीर पर पूर्व कमिश्नर मारिया ने कहा कि यह केंद्रीय एजेंसियों का काम था. मुंबई पुलिस ने कड़ी सुरक्षा लगाकर यह कोशिश की थी कि कोई भी जानकारी मीडिया में लिक न हो जाए.

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इस तस्वीर में कसाब अपनी दाई कलाई पर लाल रंग का धागा पहने देखा गया था, जिसे हिंदू धर्म में पवित्र धागा माना जाता है. इस कारण कई लोगों को ऐसा लगा कि 26/11 के आतंकी हमलों के पीछे ‘हिंदू आतंकवाद’ का हाथ है.

किताब के अनुसार, अखबारों में यह भी दावा किया गया कि मुंबई में हिंदू आतंकवादियों ने किस तरह से आतंकी हमला किया. हालांकि बाद में यह साफ हो गया कि वह यहां का नहीं रहने वाला था. मारिया ने अपनी किताब में लिखा कि अजमल आमिर कसाब पाकिस्तान में फरीदकोट का रहने वाला था.

कांस्टेबल तुकाराम ने किया नाकाम

उन्होंने अपनी किताब में यह भी कहा कि कसाब को जिंदा पकड़ने के लिए मुंबई के कांस्टेबल तुकाराम ओम्बले का साहसिक काम ने उनकी योजना को नाकाम कर दिया.

पूर्व पुलिस अधिकारी के अनुसार, मुंबई पर आतंकी हमला करने के लिए कसाब को मिशन पर भेजे जाने से पहले एक हफ्ते की छुट्टी और 1.25 लाख रुपये दिए गए थे.

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किताब के अनुसार, उसने (कसाब) अपनी बहन की शादी के लिए अपने परिवार को पैसे भी दिए. देश के सबसे वीभत्स आतंकी हमलों में से एक यह आतंकी हमला 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुआ. समुद्री रास्ते से पाकिस्तान से आए हथियारों से लैस 10 आतंकियों ने कई क्षेत्रों में आतंकी हमला कर 166 लोगों को मार दिया और 300 से अधिक घायल हो गए.

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