- बिहार के श्रम मंत्री बोले अब यहीं देंगे रोजगार के अवसर
- मंत्री का दावा- सम्मान के साथ समझौता नहीं करेंगे मजदूर
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए लॉकडाउन लागू है. काम-धंधे का अवसर ठप हो जाने की वजह से विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूर अब धीरे-धीरे घर वापसी कर रहे हैं. सरकार ने उनके लिए स्पेशल ट्रेनों और बसों की व्यवस्था भी करवाई है. लेकिन देश की अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए लॉकडाउन के तीसरे चरण में कुछ रियायतें भी दी गई हैं. अब कुछ ऐहतियात के साथ फैक्ट्रियां खोली जा सकती हैं. जिसके लिए मजदूरों की जरूरत है. इस बीच बिहार के श्रम मंत्री ने दावा किया है कि अब बिहार के लोग अपने सम्मान के साथ समझौता कर दूसरे राज्यों में काम नहीं करेंगे.
बिहार एक ऐसा राज्य है जहां से बड़ी संख्या में लोग रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों को पलायन करते हैं. लॉकडाउन के इस वक्त में जहां एक ओर लोग वापस आ रहे हैं तो वहीं तेलंगाना सरकार ने बिहार से मजदूरों को काम पर बुलाने का फैसला लिया है. जानकारी के मुताबिक तेलंगाना सरकार ने बिहार से 250 मजदूरों को अपने यहां बुलाया है.
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इस बारे में बिहार के श्रम मंत्री ने आजतक से हुई विशेष बातचीत में कहा कि तेलंगाना सरकार की पहल पर खगड़िया से मजदूर भेजे गए हैं. इसके साथ ही मंत्री ने यह भी कहा कि अब हम लोगों के लिए बिहार में ही रोजगार के अवसर देने की कोशिश करेंगे ताकि उन्हें दूसरे राज्य जाकर अपने सम्मान से समझौता ना करना पड़े.
बिहार के श्रम मंत्री ने कहा, “जहां बिहार के मजदूरों को सम्मान मिलेगा अच्छा अवसर मिलेगा वहां हम रोकेंगे नहीं. लेकिन, बिहार के मजदूर अब सम्मान से समझौता कर दूसरे राज्यों में काम नहीं करेंगे. हम खुद अपने यहां रोजगार का सृजन कर रहे हैं.”
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बता दें कि गुरुवार की सुबह एक श्रमिक ट्रेन से बिहार के खगड़िया के ये मजदूर तेलंगाना के लिग्गमपल्ली रवाना हुए हैं. ये सभी मजदूर वहां राइस मिल में काम करने के लिए बुलाए गए हैं. सबसे बड़ी बात तेलंगाना सरकार ने खुद इनका किराया वहन किया है, ताकि काम प्रभावित ना हो.
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