
सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जा रहा है.
हालांकि जिले के 48 लाट में से मात्र 5 लाट की ही निविदा हुई है. बाकी जगहों पर विभागीय खरीदी होगी. इनमें से कुछ जगहों पर खरीदी शुरू हो गई है.
बस्तर का हरा सोना कहलाने वाला तेंदूपत्ता आदिवासियों के आय का प्रमुख स्त्रोत है. लेकिन लगातार लॉकडाउन बढ़ने से तेंदूपत्ता खरीदी को लेकर संयश बरकरार था. लेकिन अब तेंदूपत्ता खरीदी शुरू हो चुकी है. इसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है. तेंदूपत्ता खरीदी को लेकर वन विभाग पूरी तैयारी कर चुका है और कुछ जगहों पर खरीदी शुरू भी हो चुकी है.
मात्र 5 लाट की हुई निविदा
मास्क और सैनिटाइजर कर रहे कर्मचारी उपयोग
न्यूज18 से चर्चा में टीआर मरई एसडीओ वन विभाग ने बताया कि तेंदूपत्ता खरीदी भी करना अनिर्वाय है और कोरोना वायरस से सावधानी भी बरतनी आवश्यक है. इसलिए वन विभाग द्वारा तेंदूपत्ता खरीदी केन्द्र पर मास्क लगाकर खरीदा जा रहा है. इसके अलावा ग्रामीणों को भी बगैर मास्क लगाऐं आने की अनुमति नहीं दी जा रही है. खरीदी कर रहे लोग और ग्रामीणों को सैनिटाइज भी किया जा रहा है, ताकि कोरोना से बचते हुए तेंदूपत्ता खरीदी की जाए.
मंत्री कवासी लखमा ने कही ये बात
न्यूज 18 से चर्चा करते हुए प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि तेंदूपत्ता आदिवासियों के आय का मुख्य स्त्रोत्र है, इसलिए इस बार ठेकेदार के द्वारा निविदा नहीं ली गई तो शासन खुद खरीद रही हैं. सभी अधिकारियों को निर्देश दिए है कि तेंदूपत्ता खरीदी में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश दिए गए हैं.
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First published: April 24, 2020, 8:38 PM IST