- पुलिस महानिदेशक ने सीएम को मामले से कराया अवगत
- महाराष्ट्र के गृह मंत्री बोले- इस मामले की होगी पड़ताल
- राज्य के प्रधान सचिव (विशेष) को छुट्टी पर भेजा गया
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लॉकडाउन के बीच DHFL मामले से जुड़े कपिल वाधवान और उनके परिवार के लोगों के महाबलेश्वर पहुंचने के मामले को गंभीरता से लिया है. इस मामले में राज्य के प्रधान सचिव (विशेष) अमिताभ गुप्ता को छुट्टी पर भेज दिया गया है.
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से चर्चा के मुताबिक प्रधान सचिव (विशेष) अमिताभ गुप्ता को जांच के लंबित होने तक तत्काल प्रभाव से अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया गया है. सबके लिए कानून समान है.
As per discussion with Hon. CM, Mr Amitabh Gupta, Principal Secretary (special), has been sent on compulsory leave with immediate effect, till the pending of enquiry, which will be initiated against him.#LawSameForEveryone
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) April 9, 2020
अनिल देशमुख ने ट्वीट कर ये जानकारी दी. अनिल देशमुख ने इससे पहले कहा था कि वाधवान परिवार के 23 सदस्य महाबलेश्वर तक कैसे पहुंचे इसकी जांच होगी. उसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने यह एक्शन लिया है.
इससे पहले, महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक सुबोध जायसवाल ने इस मामले से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अवगत कराया था. सूत्रों ने बताया कि कपिल वाधवान का मामला सामने आने के थोड़ी देर बाद ही पुलिस महानिदेशक सुबोध जायसवाल ने इसकी पूरी जानकारी सीएम को दी.
यात्रा का ब्योरा जुटा रही पुलिस
दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के प्रमोटरों के महाबलेश्वर में पाए जाने के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. कपिल और धीरज वाधवान येस बैंक घोटाले और अंडरवर्ल्ड डॉन इकबाल मिर्ची संपत्ति मामले में आरोपी हैं. सूत्रों का कहना है कि सभी 23 लोग पुणे से NH4 के रास्ते महाबलेश्वर पहुंचे थे. हालांकि, इस यात्रा की शुरुआत कहां से हुई, पुलिस इसका पता लगाने में जुटी हुई है.
कैसे उजागर हुआ मामला
यह मामला उस समय सामने आया, जब वाधवान बंधु अपने पारिवारिक सदस्यों और घरेलू सहायकों सहित महाबलेश्वर में अपने बंगले पर पहुंचे. इनके महाबलेश्वर स्थित अपने बंगले पर पहुंचते ही स्थानीय लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना दी और फिर पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई.
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सूत्रों ने बताया कि महाबलेश्वर की यात्रा के बारे में पूछे जाने पर वाधवान बंधुओं ने पुलिस को बताया कि मेडिकल वजहों से वो महाबलेश्वर पहुंचे हैं. महाराष्ट्र पुलिस के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया है कि लेकिन यह “झूठ” बात है. बाद में, पुलिस ने अन्य सभी संबंधित धाराओं के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत वाधवान सहित सभी 23 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. इन सभी को क्वारनटीन में रखा गया है.
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महाराष्ट्र पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पूरे घटनाक्रम के बारे में इंडिया टुडे को बताया, “यह कलेक्टरों के आदेश का उल्लंघन है. हम मुंबई के बाहर यात्रा करने के लिए वाधवान बंधुओं द्वारा बताए जा रहे कारणों की भी जांच कर रहे हैं.”
पुलिस उस कथित पत्र की भी जांच कर रही है जो एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जारी किया गया था, जिसमें उन्हें यात्रा करने की इजाजत दी गई थी.
सियासत शुरू, बीजेपी ने उठाए सवाल
वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कपिल और धीरज वाधवान समेत 22 लोगों के महाबलेश्वर पहुंचने पर सवाल उठाए हैं. देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट किया, ‘महाराष्ट्र में शक्तिशाली और अमीर लोगों के लिए कोई लॉकडाउन नहीं है? पुलिस की आधिकारिक इजाजत से कोई महाबलेश्वर में छुट्टियां बिता सकता है. यह मुमकिन नहीं है कि एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी इस तरह की घोर गलती को अपने दम पर अंजाम दे.’
एक दूसरे ट्वीट में फडणवीस ने पूछा, ‘यह किसके आदेश या आशीर्वाद से हुआ था? सीएम और गृह मंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए.’ वहीं बीजेपी नेता किरीट सौमेया ने भी इस मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार को घेरा. किरीट सौमेया का आरोप है कि लॉकडाउन के बीच वाधवान परिवार मुंबई से महाबलेश्वर कैसे पहुंच गया, क्या सरकार येस बैंक के आरोपियों को VVIP ट्रीटमेंट दे रही थी. उन्होंने इस मामले में महाराष्ट्र के राज्यपाल को हस्तक्षेप करने की अपील की है.