प्रदेश में पिछले 19 मार्च से बस सेवाएं लॉकडाउन के चलते बंद है. इसलिए इस सेवा पर संकट के बादल मडराने लगे हैं.
छत्तीसगढ़ में बस सर्विस ऐसी सेवा है, जो आम लोगों को एक जगह से दूसरी जगह लाने ले जाने के लिए प्रमुख साधान है.
प्रदेश में पिछले 19 मार्च से बस सेवाएं लॉकडाउन के चलते बंद है. इसलिए इस सेवा पर संकट के बादल मडराने लगे हैं. अभी तक करीब 120 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. आंकड़ों की माने तो प्रतिदिन 4.50 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सैय्यद अनवर अली का कहना है कि राज्य सरकार 5.50 करोड़ रुपए महीने का टैक्स लेती है, जो कि महीने की शुरुआत में ही देना होता है. वही बाकी राज्यों से तुलना की जाए तो यह टैक्स 50 गुना अधिक है और राज्य सरकार को टैक्स में छूट देनी की मांग की है.
12 हजार से अधिक बसें
बता दें कि प्रदेश में 12 हजार रुपये से अधिक बसे संचालित होती है, जिसमें से करीब 70 बसे अंतरराज्यीय सर्विस की है और अंतरराज्यीय और अंतरजिला बस सर्विस पर सरकार ने 19 मार्च से रोक लगी है. लॉकडाउन में बस सर्विस पूरी तरह से बंद है. इस पूरे मामले में बस ऑपरेटर संघ ने परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर से 6 महीने का रोड टैक्स में छूट देने समेत अन्य मांगो को उनसे किया है. उसके बाद परिवहन मंत्री ने बस ऑपरेटरो वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की है. मंत्री ने सुझाव आमंत्रित किए और बस ऑपरेटरो की मांगे भी सुनी है. मंत्री मोहम्मद अकबर का कहना है कि बस ऑपरेटरों के हित में फैसला होगा. इसका आश्वासन भी दिया है, साथ ही बस ऑपरेटर संघ ने रोड टैक्स में 6 महीने तक की छूट देने की मांग पर इस पर कैबिनेट की बैठक में चर्चा करने का आश्वासन दिया है.ये भी पढ़ें:
लॉकडाउन 2.0: बिजली बिल ने बढ़ाई चिंता, किसी को नहीं मिला सरकार की इस योजना का लाभ
लॉकडाउन 2.0: ‘एक वक्त का खाना अपने पैसों से और एक वक्त भूखे रहना पड़ता था’
News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए रायपुर से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.
First published: April 17, 2020, 6:49 AM IST


