नई दिल्ली. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस पीपी साहू की बेंच ने शैक्षणिक संस्थाओं में आरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अपने फैसले में प्रदेश के इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में 58 फीसदी आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है. कोर्ट ने कहा है कि किसी भी स्थिति में आरक्षण 50% से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
बता दें कि हाईकोर्ट में राज्य शासन के साल 2012 में बनाए गए आरक्षण नियम को चुनौती देते हुए अलग-अलग 21 याचिकाएं दायर की गई थी, जिस पर कोर्ट ने करीब दो माह पहले फैसला सुरक्षित रखा था, लेकिन आज इस केस पर निर्णय सुना दिया है.
12 प्रतिशत बढ़ाया गया था आरक्षण
बता दें कि राज्य शासन ने साल 2012 में आरक्षण नियमों में संशोधन करते हुए अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण 16 प्रतिशत से घटाकर 12 कर दिया था. वहीं अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 20 से बढ़ाकर 32 प्रतिशत कर दिया था. जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को 14 प्रतिशत यथावत रखा गया. जिसके बाद हाईकोर्ट में 21 जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि शासन का फैसला शीर्ष अदालत के निर्देशों और कानूनी प्रावधानों के खिलाफ है और इसे रद्द किया जाना चाहिए.
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Tags: College education, Education news
FIRST PUBLISHED : September 19, 2022, 17:53 IST
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