- सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी
- चिट्ठी में सोनिया ने पीएम को बताए 5 उपाय
देश फिलहाल चीन से पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस से निपटने की जद्दोजहद में लगा हुआ है. केंद्र सरकार ने देश में वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लागू कर रखा है. इस वजह से आर्थिक गतिविधियां तो रुकी हीं, तमाम उद्योग-धंधे भी रुक गए, क्योंकि मजदूरों की आवाजाही भी रुक चुकी थी. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार फिर देश की आर्थिक हालात पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखी है.
सोनिया गांधी ने अपने पत्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की दुर्दशा की बात उठाई है. सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र में एमएएसएमई सेक्टर की सुरक्षा के लिए पांच उपाय भी बताए हैं. सोनिया गांधी के मुताबिक एमएसएमई के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के मजदूरी संरक्षण पैकेज की घोषणा की जानी चाहिए. इसके साथ ही सोनिया ने MSME के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की क्रेडिट गारंटी फंड की स्थापना का सुझाव भी दिया है.

इसके अलावा सोनिया गांधी ने अपनी चिट्ठी में MSME को आसान क्रेडिट सप्लाई के लिए 24 घंटे 7 दिनों के लिए एक हेल्पलाइन शुरू करने की बात भी कही है. सोनिया के मुताबिक एमएसएमई के लिए कोलेट्रल और मार्जिन मनी की शर्तों में आसानी की जानी चाहिए. इसके साथ ही सोनिया ने पीएम मोदी को यह सलाह भी दी है कि उद्योगों को लोन अदा करने की छूट तीन महीने से आगे भी दी जानी चाहिए.

कोरोना पर फुल कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
सीडब्लूसी की बैठक में भी सोनिया ने दी थी कुछ सलाह
सोनिया गांधी ने इससे पहले भी मोदी सरकार पर उंगलियां उठाई हैं. कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्लूसी) की बैठक में सोनिया गांधी ने पीपीई किट की खराब क्वालिटी पर चिंता जाहिर की थी और साथ ही कहा था कि देश में कोरोना टेस्टिंग अभी बहुत कम संख्या में हो रही है, यह काफी गंभीर बात है.
मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए सोनिया गांधी ने कहा था कि हमने बार-बार प्रधानमंत्री से कहा है कि टेस्टिंग का कोई विकल्प नहीं है. इसके बावजूद भी टेस्टिंग कम हो रही है और पीपीई भी अच्छी क्वालिटी के नहीं है. हमने काफी सुझाव दिए, लेकिन सरकार उनको अमल में लाने के लिए कोई सक्रियता नहीं दिखा रही है.
सोनिया गांधी ने मांग की थी कि गरीबों-मजूदरों-किसानों के खाते में तुरंत 7500 रुपये ट्रांसफर किए जाने चाहिए. मजदूरों को खाद सुरक्षा मुहैया कराने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं. सोनिया ने कहा था कि हमें कोरोना वॉरियर्स को सलाम करना चाहिए. तमाम हेल्थ वर्कर, जो बिना जरूरी मेडिकल उपकरण के भी फील्ड पर काम कर रहे हैं.
किसानों का मसला उठाते हुए सोनिया गांधी ने कहा था कि लॉकडाउन की वजह से देश के किसान सबसे अधिक परेशान हैं. कमजोर और अस्पष्ट खरीद नीतियों के अलावा सप्लाई चेन में आ रही दिक्कतों ने किसानों को बेहाल कर दिया है. उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द निपटारा किया जाना चाहिए. खरीफ फसल के लिए भी किसानों को सुविधाएं मिले.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें…
सोनिया गांधी ने सीडब्लूसी की बैठक में कहा था कि प्रवासी मजदूर अब भी फंसे हुए हैं, बेरोजगार हैं और घर लौटने को बेताब हैं. वह सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं. संकट के इस दौर से बचे रहने के लिए उन्हें खाद्य सुरक्षा और वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध कराया जाना चाहिए. तीन हफ्तों में महामारी तेजी से बढ़ी है. चाहे वह कोरोना का फैलाव हो या फिर स्पीड.


