हम सभी के जीवन में शायद ऐसा मौका पहली बार आया है कि हम इतने लंबे समय तक अपने घरों में रह सकें. अब हमें अपने परिवार के साथ वक्त गुजारने के लिए सप्ताहांत यानी वीकेंड का इंतजार नहीं करना पड़ रहा है. सब अपनी छोटी सी दुनिया में मगन हैं. कोई खाना बनाने पर पहली बार हाथ आजमा रहा है तो किसी ने अपने बचपन की पसंदीदा हॉबी की तरफ एक बार फिर से रुख कर लिया है. गुजरा हुआ वक्त जैसे एक बार फिर लौट आया है. जिंदगी से नयी-नयी यादें जुड़ रही हैं और घर पहले से भी ज्यादा अपना सा लगने लगा है.
ऐसे में एशियन पेंट्स हम सब के लिए लाया है एक दिल छू लेने वाला वीडियो, जो हमें अपने घरों में बने रहने के साथ साथ अपनी फैमिली के साथ वक्त गुजारने और अपनी पसंदीदा चीजें करते रहने के लिए प्रोत्साहित करता है. 2007 में एशियन पेंट्स ने ऐसे ही एक प्यारे से वीडियो के जरिये हमें ये एहसास कराया था कि ‘हर घर कुछ कहता है’. यह नया वीडियो एक बार फिर हमें उसी वक्त में ले जाता है और कई पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं.
इस वीडियो में भी देश के अलग अलग घरों से मिले कई नायाब पलों को बड़ी खूबसूरती से एक धागे में पिरोया गया है. ‘हर घर चुपचाप से कहता है’ नाम का ये कैम्पेन इस चीज पर प्रकाश डालता है कि कैसे हम सभी ने खुद को खुशी-खुशी इस नए माहौल में ढाल लिया है.
बड़ों का वर्क फ्रॉम होम और बच्चों का होमवर्क अब एक साथ चलता है. अब बॉस और सहकर्मियों के साथ मीटिंग तो चलती हैं, लेकिन दोपहर के खाने और शाम की चाय का मजा घरवालों के साथ लिया जाता है. घर के पालतू जानवर भी खुश हैं क्योंकि आप अब दिन भर उनके साथ हैं. बचपन के खेल जैसे लूडो, शतरंज और कैरम एक बार फिर यादें बनाने का एक जरिया बन चुके हैं.
जिंदगी बदल सी गयी है, और भी ज्यादा दिलचस्प हो गयी है. किसी बड़ी कंपनी का सीनियर मैनेजर रसोई का काम सीख रहा है, तो कोई मार्केटिंग में काम करने वाला अपने बच्चों को डांस सिखा रहा है. वहीं किसी खाने के शौकीन ने तो घर में ही जिम बना कर एक्सरसाइज करना शुरू कर दिया है.
घर अब पूरा सा लगता है. घर अब घर सा लगता है. एशियन पेंट्स का नया वीडियो बीते दिनों की यादों, हंसी ठहाकों और प्यार से भरे हुए घरों की कहानी सुनाता है. और इस कहानी में अपनी आवाज से जान डाली है पीयूष पांडे ने.
ओगिल्वी इंडिया द्वारा बनाया गया यह वीडियो कहानी है उन छोटे-छोटे बेशकीमती लम्हों की जो आप इस वक्त अपने परिवार के साथ बिता रहे हैं. इन लम्हों को हलके में ना लें, इन लम्हों का आनंद लें. क्योंकि यही लम्हे आपके घर को घर बनाते हैं. इसलिए घर पर रहें. सुरक्षित रहें.