
उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के माध्यम से आने वाले यात्रियों के लिए केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है. (कॉन्सेप्ट इमेज)
उन्होंने बताया कि यदि किसी यात्री द्वारा कोविड जांच (Covid Test) के लिए सहमति नहीं दी जाती है तब ऐसी स्थिति में उसे स्वयं के व्यय पर सात दिनों तक पृथक-वास में रहना होगा.
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के नए प्रारूप के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए यह फैसला किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में राज्य के सभी संभागायुक्तों, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को पत्र जारी कर दिशा-निर्देश का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा है. उन्होंने बताया कि दिशा-निर्देश के अनुसार ऐसे यात्री जिनके पास निर्धारित समयावधि की आरटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट नहीं होगी उनकी विमानतल पर ही जांच की जाएगी. वहीं, रिपोर्ट में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने पर उन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार पृथक-वास, कोविड केयर सेन्टर या अस्पताल में रखा जाएगा.
पालन करने के लिए कहा गया है
उन्होंने बताया कि यदि किसी यात्री द्वारा कोविड जांच के लिए सहमति नहीं दी जाती है तब ऐसी स्थिति में उसे स्वयं के व्यय पर सात दिनों तक पृथक-वास में रहना होगा. छोटे बच्चों की कोविड जांच के बारे में उनके पालकों की सहमति से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि विमान से आने वाले ऐसे यात्री जिनकी कोविड-19 जांच की रिपोर्ट नेगेटिव है उन्हें भी सात दिनों तक घर में ही पृथक-वास में रहने की सलाह दी जाएगी. ऐसे यात्रियों के फॉलोअप के लिए भी संबंधित जिलों के कलेक्टर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के माध्यम से आने वाले यात्रियों के लिए केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है.