नई दिल्ली: एक वायरस के आगे दुनिया सरेंडर करती नजर आ रही है. अमेरिका (America) में कोरोना हर रोज तबाही की कहानी लिख रहा है. कोरोना वायरस (Coronavirus) से मरने वालों का आंकड़ा साढ़े 9 हजार के पार हो चुका है. महामारी का एपिसेंटर बन चुके न्यूयॉर्क में अब एक बाघिन भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई है, जिसके बाद भारत में भी सभी चिड़ियाघरों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
कोरोना वायरस द्वितीय विश्व युद्ध से भी ज्यादा मारक साबित हो रहा है. पूरी दुनिया में इससे होने वाली तबाही साफ दिखाई दे रही है. ये एटम बम से भी ज्यादा विनाशक है.
अपने एटम बम से द्वितीय विश्व युद्ध की कहानी बदल देने वाला अमेरिका कांप रहा है. एक वायरस ने अमेरिका में न्यूयॉर्क से लेकर वॉशिंगटन, न्यू जर्सी और टेक्सस तक तबाही की ऐसी कहानी लिखी है कि सुपरपावर के होश उड़ गए हैं.
अकेले न्यूयॉर्क में 1 लाख 23 हजार से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. वहां 4 हजार से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है, जबकि अमेरिका भर में मरने वालों की तादाद साढ़े 9 हजार से ऊपर जा चुकी है.
न्यूयॉर्क दुनिया का नया वुहान बन चुका है और तबाही और ज्यादा बड़ी होने का डर भी बढ़ने लगा है क्योंकि, न्यूयॉर्क के ब्रॉन्क्स चिड़ियाघर में चार साल की मलेशियाई बाघिन नादिया को भी वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया है. आशंका है कि चिड़ियाघर के कर्मचारी से बाघिन संक्रमित हुई है.
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ये पहला मामला जब वायरस एक इंसान से जानवर तक पहुंच गया है.अमेरिका में अब तक 3 लाख 30 हजार से भी ज्यादा लोग इस किलर वायरस की चपेट में आ चुके हैं और अभी खतरा कम होने की जगह बढ़ता दिख रहा है.
एक अमेरिकी अखबार के मुताबिक, वायरस फैलने के शुरूआती दिनों में चीन से 1300 सीधी उड़ानों में करीब 4 लाख 30 हजार लोग अमेरिका पहुंचे थे. इंटरनेशनल ट्रेड एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, इसमें 3 लाख 81 हजार लोग चीन से सीधे अमेरिका आए थे. इनमें से एक चौथाई अमेरिकी थे, जबकि बड़ी तादाद में दूसरे देशों से लोग चीन होते हुए अमेरिका पहुंचे थे.
चीन ने पहली बार 31 दिसंबर 2019 को वायरस संक्रमण की पुष्टि की, लेकिन अमेरिका ने आधी जनवरी बीतने तक सख्ती नहीं बरती. एयरपोर्ट पर यात्रियों की स्क्रीनिंग भी जनवरी के दूसरे हफ्ते में जाकर ही शुरू हो सकी और दावा किया जा रहा है कि इस दौरान करीब 4 हजार लोग वुहान से सीधे अमेरिका पहुंचे. इसका नतीजा आज अमेरिका के सामने है.
जाहिर है दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका आज सबसे बड़े खतरे का सामना कर रहा है. हालात इतने नाजुक हैं कि अमेरिका के सर्जन जनरल को भी यह कहने पर मजबूर होना पड़ा कि अमेरिका पर कोरोना का अटैक पर्ल हार्बर की तरह भयानक हो सकता है.
आपको बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका के पर्ल हार्बर नौसैनिक ठिकाने पर जापानी वायुसेना ने हमला किया था, जिसमें 2000 से अधिक अमेरिकी सैनिक मारे गए थे.
पर्ल हार्बर हमले जितना घातक
कहर बनकर टूट रहे कोरोना वायरस ने सुपर पावर अमेरिका को पस्त कर दिया है. साढ़े नौ हजार से ज्यादा जिंदगियां निगलकर अमेरिका में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच अमेरिका के सर्जन जनरल जेरोम एडम्स ने चेतावनी दी है कि आने वाला सप्ताह बहुत दुखी करने वाला होगा. उन्होंने कोरोना संकट की तुलना अमेरिका पर हुए 9/11 आतंकी हमले से भी की है. एडम्स ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि ये हमारा पर्ल हार्बर होगा, ये 9/11 जैसा होगा बस फर्क इतना होगा कि ये स्थानीय नहीं होगा. मैं चाहता हूं कि अमेरिका इसे समझे.
75 साल पहले दूसरे विश्व युद्ध के दौरान साल 1941 में अमरीकी नौसैनिक अड्डे पर्ल हार्बर पर जापान ने हमला किया था. द्वितीय विश्व युद्ध में अमरीकी जमीन पर ये पहला हमला था. जापान के इस हमले में 2400 से ज्यादा अमरीकी जवान मारे गए थे और 19 जहाज, जिसमें आठ जंगी जहाज थे, नष्ट हो गए थे. इसके अलावा 328 अमरीकी विमान भी या तो क्षतिग्रस्त हुए थे या फिर पूरी तरह से नष्ट हो गए थे. इस हमले में सौ से ज्यादा जापानी सैनिक भी मारे गए थे. इसके बाद अमेरिका सीधे तौर पर दूसरे विश्व युद्ध में शामिल हो गया था और मित्र राष्ट्रों की ओर से मोर्चा संभाल लिया था. अमेरिका के सर्जन जनरल जेरोम एडम्स ने कोरोना के हमले को पर्ल हार्बर हमले जितना घातक बताया है.
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अमेरिका में स्थिति बदतर होती जा रही है. शनिवार को 1,497 लोगों की मौत हो गई जो अब तक की सबसे ज्यादा संख्या है. इसके साथ ही यहां मरने वालों की संख्या 8,500 पार कर गई. वहीं संक्रमण के मामले तीन लाख 12 हजार से ज्यादा हो गए हैं. सिर्फ न्यूयॉर्क में 24 घंटे में 590 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. डॉक्टरों के मुताबिक, अमेरिका के लिए ये हफ्ता बेहद मुश्किल और दुखदायी साबित हो सकता है.