बीजेपी के आरोप पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है. (Demo Pic)
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में रविवार की शाम 5 बजे तक टोटल शटडाउन (Shut Sown) किया गया है.
सरकार का फैसला अव्यवहारिक और आपत्तिजनक: बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संदीप शर्मा ने तीन दिन तक सब्जी-फल को आवश्यक वस्तु से बाहर करने के कांग्रेस सरकार के निर्णय को अव्यवहारिक एवं आपत्तिजनक बताया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार इस निर्णय को सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जरूरी बता रही है, जबकि प्रदेश सरकार की सोशल डिसटेंसिंग की धज्जियां उड़ रही है. तीन दिन बाद सोमवार से फिर सब्जी बाजार के हालात क्या होंगे इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है.
सब्जी और फल के विक्रय प्रतिबंध के इस अव्यवहारिक निर्णय से किसानों में भारी हताशा है. प्रतिदिन निकलने वाले 350 टन केला, 300 टन पपीता, 100 टन अमरूद, 150 टन मिर्च, 400 टन टमाटर सहित टन भाटा, मूली, गोभी, भाजी, आने वाले तीन दिनों में बर्बाद हो जाएंगे. साथ ही बीजेपी ने यह मांग की है कि सब्जी फल को आवश्यक वस्तु में शामिल कर “सोशल डिस्टेंसिंग” का पालन करते हुए इसकी विक्रय को सुचारू रूप से संचालित करने की व्यवस्था करे.बीजेपी पहले तय करें की वह किसानों के साथ है या किसानों के खिलाफ: कांग्रेस
सब्जियों को आवश्यक साम्रगी से बाहर करने पर बीजेपी के वार पर प्रतिवार करते हए कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि पहले भारतीय जनता पार्टी को यह तय करना होगा कि वे किसानों के साथ हैं या किसानों के खिलाफ. क्योंकि तीन दिन पहले उनके ही पार्टी के सर्वमान्य नेता-विधायक और पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का बयान आया था कि रावणभांटा में लग रहे थोक सब्जी बाजार को तत्काल बंद किया जाए और आज पार्टी सरकार के फैसले को आपत्तिजनक बता रही है.
प्रवक्ता आरपी सिंह ने यह भी कहा कि बीजेपी अपने अंदरूनी गुटबाजी को छुपाने के लिए सरकार पर इंलाज लगा रही है. जबकि सरकार की पहली प्राथमिकता प्रदेश की जनता और उनकी रक्षा है. साथ ही केंद्र द्वारा जारी गाइडलाइन का भी पालन करना सरकार की बड़ी जिम्मेदारी है. मगर इन तमाम जिम्मेदारियों के बीच किसानों को दिक्कतें ना हो इसलिए खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के साथ मिलकर http://cghaat.in पोर्टल का शुभारंभ किया. इस पोर्टल के जिरए लोगों को घर पहुंच सब्जि-फल मिल सकेगा तो किसानों को उचित उपभोक्ता.
किसान हमेशा से राजनीति के केंद्र बिन्दु: बाबूलाल शर्मा
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीति विश्लेषक बाबूलाल शर्मा इस विषय पर कहते हैं कि यह दुर्भाग्य है कि कृषि प्रधान राज्य छत्तीसगढ़ में किसान राज्य गठन के साथ ही और उससे पहले से भी हमेशा से राजनीति के केंद्र बिन्दु रहे हैं. किसानों के हमदर्द के रूप में यहां सत्ता का निर्णय होता है. चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी या फिर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में किसानों की स्थिति पर राजनीति होती रही है और आगामी भविष्य में भी होती रहेगी.
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First published: April 17, 2020, 5:30 PM IST


