हिन्दू विक्रम संवत 2082 नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के पुण्य अवसर पर विश्व गीता प्रतिष्ठानम संस्था के सदस्यों ने ब्रह्ममुहूर्त में सूर्य मंत्र उच्चारण के साथ सूर्य की पहली किरण को अर्घ्य देकर भगवान सूर्य की आरती उतारकर विधि विधान पूर्वक अर्घ्य देकर हिंदू नववर्ष नव संवत्सर का भव्य स्वागत किया। नव संवत्सर के अवसर पर विश्व गीता प्रतिष्ठानम की स्थान इकाई द्वारा नवग्रह पीठ पर सूर्यदेव के उदय होते ही दुग्ध व गंगा जल से अर्घ्य देकर प्रकृति संरक्षण, देश में अमन-चैन, के साथ-साथ सनातन संस्कृति के समृद्धि की भी कामना की गई।
विश्व गीता प्रतिष्ठानम के सदस्यों व गंगा अर्चको द्वारा षोडशोपचार विधि से हवन पूजन एवं गीता पाठ करके भारतीय संस्कृति के अनादि काल से अनंतकाल तक के प्रवाह की कामना की गई है। वीओ-: वही पर इस अवसर पर विश्व गीता प्रतिष्ठान के राकेश भार्गव ने कहा कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा संस्कृति का अमृत गान है। नव संवत्सर हमें हमारी समृद्ध सांस्कृतिक थाती से परिचित कराने और उसे सहेजने का भी अवसर देता है। नव संवत्सर सृष्टि का स्पंदन है। भारतीय अलौकिक संस्कृति का नया वर्ष लोक कल्याणकारी हो इसके लिए हमने प्रार्थना की है। आयोजन के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
बाईट,:- राकेश भार्गव अध्यक्ष विश्व गीता प्रतिष्ठानम डबरा