मध्य प्रदेश के पिछड़े बुंदेलखंड में सामंतशाही के चलते आज भी ग्रामीण अंचलों में दलित समाज के लोग विवाह में घोड़ी पर चढ़कर गांव में नही घूम सकते है, जी हां हम बात कर रहे है टीकमगढ़ जिले के मौखरा गांव की जहां आज एक दलित परिवार में विवाह था और बारात सागर जानी थी, बारात जाने से पूर्व बुंदेलखंड के गांवों में एक सामाजिक रस्म अदा होती है, जिसे बुंदेलखंड के गांवों में रछवाई (राछ) फिरना बोला जाता है,
इस रस्म में दूल्हा घोडी पर चढ़कर पूरे गांव में घूमता है, जिसमे उसके रिश्तेदार व विरादरी के लोग दूल्हे का टीका कर उसे सम्मान स्वरूप रुपये और उपहार देते हैं, लेकिन आज गांव के दलित जितेन्द्र अहिरवार जब घोड़ी पर बैठकर इस रस्म को पूरा करने गांव में निकले तो यह गांव के ही उच्च जाति के दबंगो को बर्दाश्त नहीं हुआ और जब राछ उनके घर के दरवाजे से गुजरी तो घर की महिलाओं व पुरुषों ने दूल्हे और उसके साथ चल रहे दूल्हे के परिजनों व रिश्तेदारों पर हमला कर इनकी पिटाई कर दी।
भारत को आजादी मिले भले ही 77 साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन बुंदेलखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी निचले तबके के दूल्हे को घोड़ी पर बैठ कर गांव में निकलने का अधिकार नहीं है, दरअसल यह पूरा मामला जिले के बड़ागांव थाना क्षेत्र के ग्राम मौखरा का है, जहां आज गांव के दलित कमलेश अहिरवार के बेटे जितेंद्र अहिरवार की बारात सागर जिले में जानी थी, बारात जाने के पूर्व रछवाई की रस्म के लिये दूल्हा बना जितेंद्र घोड़ी पर बैठकर जब गाजे बाजे के साथ गांव में निकल रहा था तभी रछवाई (राछ) जैसे ही उच्च वर्ग के दबंगों के घर के सामने से गुजरी तो उन्हें दलित दूल्हे के घोड़ी पर बैठना बर्दाश्त नहीं हुआ और घर के पुरुषों और महिलाओं ने रछवाई (राछ) में साथ चल रहे रिस्तेदारों व दूल्हे पर पत्थरों से हमला कर उनके साथ मारपीट कर दी, घटना के बाद दूल्हे सहित पीड़ित बड़ागांव थाने पहुंच गए और थाने में शिकायत दर्ज कराई है शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर मारपीट कर दबंगई दिखाने वाली महिला भानकुंवर परमार को जहां गिरफ्तार कर लिया है वही अन्य दो आरोपियों की तलाश कर रही है।
वाईट-1- जितेन्द्र अहिरवार (दूल्हा)
वाईट-2- निर्मला अहिरवार (दूल्हे की वहिन)
वाईट-3- नरेन्द्र वर्मा (थाना प्रभारी बड़ागांव)