उज्जैन, मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को उज्जैन दौरे के दौरान शहर को ₹375 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात दी। उन्होंने सुबह कांवड़ यात्रियों का स्वागत किया और शाम को विभिन्न परियोजनाओं का भूमिपूजन व लोकार्पण किया।
शिक्षा और पर्यटन पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने बताया कि इन विकास कार्यों में विक्रम विश्वविद्यालय और महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय के लिए विभिन्न परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने ₹68 करोड़ की लागत से निर्मित आवासीय-सह-कमर्शियल भवन “प्रतिकल्पा” का लोकार्पण भी किया। उज्जैन आने वाले यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण द्वारा कई विकास कार्य और दो नई योजनाएं भी शुरू की गई हैं, जिनमें कमर्शियल भूखंड तैयार करना शामिल है।
महाकाल मंदिर के पास नव-निर्मित होटल में रुकेंगे मुख्यमंत्री
डॉ. यादव ने श्रावण मास के पहले दिन की शुरुआत को “अद्भुत” बताया। उन्होंने जानकारी दी कि महाकाल मंदिर के पास पर्यटन विकास निगम द्वारा एक नया होटल तैयार किया गया है, जो सभी सामान्य, वीआईपी और वीवीआईपी श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री ने स्वयं शहर की यातायात व्यवस्था में बाधा न आए, इसके लिए इसी होटल में रुकने और सुबह भस्म आरती के दर्शन करने की बात कही।
सिंहस्थ 2028 की तैयारियां जोरों पर
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि महाकाल आने वाले सभी वीआईपी के लिए यह एक संदेश है कि वे शहर के यातायात को प्रभावित न करें। इस पहल की शुरुआत उन्होंने स्वयं से की है। उन्होंने यह भी बताया कि महाकाल मंदिर के पास एक हेलीपैड का निर्माण भी किया जा रहा है, ये सभी प्रबंध सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए किए जा रहे हैं।
डॉ. यादव ने कहा कि उन्होंने प्रयागराज कुंभ से सीख लेते हुए उज्जैन के सिंहस्थ को और बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा है। उनका कहना था कि “हमारा राज्य भी किसी अन्य राज्यों से पीछे न रहे, इसलिए सबके साथ विकास में हम भी जुड़े।” उन्होंने उज्जैन को “पूरे देश का गौरव और देश की शान” बताया, जहां विश्व का सबसे बड़ा मेला सिंहस्थ लगता है।


