नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में राजनीतिक दलों से निजी हमलों से बचने और रचनात्मक राजनीति करने का आग्रह किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि “लोकतंत्र में ऐसा कभी नहीं होता कि एक ही पार्टी सत्ता में रहे,” और लोकतांत्रिक संस्कृति का सम्मान करने के महत्व को रेखांकित किया।
धनखड़ ने भाषाओं के मुद्दे पर भी बात की, यह कहते हुए कि भारत विश्व स्तर पर भाषाओं के मामले में सबसे समृद्ध है। उन्होंने सवाल किया कि यदि भारतीय भाषाएं इतनी समृद्ध हैं और विश्व स्तर पर जानी जाती हैं, तो वे कैसे विभाजनकारी हो सकती हैं।