शाजापुर, मध्य प्रदेश – शाजापुर जिला अस्पताल की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहाँ एक प्रसूता ने बस स्टैंड पर बच्चे को जन्म दिया। इस घटना ने एक बार फिर जिला अस्पताल प्रबंधन और 108 जननी एक्सप्रेस सेवा की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।जानकारी के अनुसार, सिमरोल निवासी एक आदिवासी महिला को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर उसके परिजनों ने सुबह करीब 10 बजे 108 जननी एक्सप्रेस को कॉल किया। 108 की टीम महिला को पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बोलाई ले गई, जहाँ से उसे बेहतर इलाज के लिए शाजापुर के जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
जिला अस्पताल पहुँचने पर भी गरीब आदिवासी महिला की किसी ने सुनवाई नहीं की। अस्पताल कर्मचारियों ने महिला के पति से कहा कि वे उसे गुलाना ले जाएँ। महिला के पति ने दोबारा 108 को कॉल किया, लेकिन इस बार मदद नहीं मिली। मजबूरन, परिजन महिला को लेकर गुलाना जाने लगे। रास्ते में ही, बस स्टैंड पर महिला का प्रसव हो गया और उसने वहीं बच्चे को जन्म दिया।इस घटना के बाद, आसपास के लोगों ने 108 को फिर से फोन किया। इसके बाद 108 की टीम मौके पर पहुँची और जच्चा-बच्चा को वापस शाजापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
यह घटना मध्य प्रदेश सरकार की मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाओं के दावों की पोल खोलती है। एक तरफ सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ देने की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ जिले में इस तरह की लापरवाही सामने आना बेहद चिंताजनक है। इस मामले में जिला अस्पताल और 108 जननी एक्सप्रेस की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है और दोषियों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।