उमरिया: प्रदेश सरकार की नीतियों से नाराज़ होकर राजस्व अधिकारी संघ (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इस दौरान उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर में खर-पतवार उखाड़कर अपना विरोध प्रकट किया। संघ का आरोप है कि सरकार के नए प्रयोगों से आम जनता और अधिकारियों, दोनों को परेशानी हो रही है।क्या है पूरा मामला?जिले के समस्त राजस्व अधिकारियों ने प्रदेश संगठन के आह्वान पर अपने डोंगल, डिजिटल सिग्नेचर और वाहन कलेक्ट्रेट परिसर में जमा कर दिए हैं। वे अपने व्हाट्सएप ग्रुप से भी बाहर हो गए हैं। इस विरोध का मुख्य कारण सरकार द्वारा तहसीलदारों के कार्य विभाजन को लेकर लिया गया नया फैसला है।राजस्व अधिकारी संघ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा के जिलाध्यक्ष दिलीप सोनी ने बताया कि सरकार ने तहसीलदारों के बीच कार्य विभाजन करते हुए गैर-न्यायिक तहसीलदारों को कार्यपालिक मजिस्ट्रेट नियुक्त किया है।
उनका कहना है कि इस फैसले से न्यायलयीन तहसीलदारों पर काम का बोझ बढ़ जाएगा और आम जनता को भी परेशानी होगी।सोनी ने बताया कि पूरे प्रदेश में लगभग 500 से अधिक गैर-न्यायिक तहसीलदार अब केवल कार्यपालिक मजिस्ट्रेट का काम करेंगे, जिससे लगभग 600 अन्य तहसीलदारों पर उनका वर्कलोड आ जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है, तो प्रदेश इकाई के आगामी निर्देशों के अनुसार वे आगे की रणनीति तय करेंगे।गौरतलब है कि राजस्व अधिकारियों की इस हड़ताल से सभी राजस्व संबंधित कार्य ठप हो गए हैं, जिससे आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


