चेन्नई की 11 साल की थारागई आराधना ने अपने मजबूत इरादों से साबित कर दिया है कि पर्यावरण की रक्षा के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती। थारागई ने अकेले ही समुद्र से 6000 किलोग्राम प्लास्टिक कचरा निकाला है और अब वह 40 अन्य बच्चों के साथ मिलकर समुद्र तटों को साफ कर रही है।
छठी कक्षा में पढ़ने वाली थारागई भारत की सबसे कम उम्र की सर्टिफाइड स्कूबा डाइवर है। स्कूबा डाइविंग के दौरान समुद्र के अंदर हुई एक घटना ने उसे पर्यावरण को बचाने के लिए प्रेरित किया, जिसके बाद उसने यह काम शुरू किया।


