सनातन एकता पदयात्रा के तहत बागेश्वर महाराज गुरुवार को ब्रज क्षेत्र में पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत हुआ। उन्होंने ब्रजभूमि को प्रणाम करते हुए कहा कि यह भूमि भक्ति, शक्ति और प्रेम की भूमि है। महाराज ने कहा कि “जब ब्रजवासी स्वीकार कर चुके हैं, तो बांके बिहारी भी अवश्य स्वीकार करेंगे।”
होडल शहर में करीब 50 से अधिक स्थानों पर पदयात्रा का स्वागत हुआ। रात में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम में दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा, मध्य प्रदेश के मंत्री चौधरी राकेश सिंह, संस्कार टीवी के सीईओ मनोज त्यागी, उप्र के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, और अन्य संतों एवं कलाकारों ने सहभागिता की।बागेश्वर महाराज ने युवाओं से कहा, “व्यक्ति उच्चारण से नहीं, उच्च आचरण से महान होता है। रील जरूर बनाएं, लेकिन रियल से जुड़े रहें। हम न आस्तिक बनाते हैं, न नास्तिक — हम लोगों को वास्तविक बनाना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा कि सभी नदियां मिलकर सिंधु बनती हैं और सभी जातियां मिलकर हिंदू बनती हैं। उन्होंने हिंदू एकता का आह्वान करते हुए कहा कि “तीन उंगलियों से नहीं, पांच उंगलियों की मुट्ठी से वार करें — तभी असरदार होगा। हम बम नहीं, नारियल फोड़ने वाले हैं।”पदयात्रा के दौरान महाराज ने शहीद हेमराज के परिवार और कोसी दंगे के शिकार सोनू सैनी की पत्नी सावित्री सैनी के साथ सड़क पर बैठकर भोजन किया। उन्होंने कहा कि “फिर कभी ऐसा समय न आए जब कोई युवक शहीद हो या दंगे का शिकार बने।”
ब्रज सीमा में प्रवेश पर निंबार्क पीठाधीश श्री जी महाराज ने 11 तोपों से 11 क्विंटल फूल बरसाकर स्वागत किया। 251 सुहागिन गोपियों ने नृत्य किया और ब्राह्मणों ने स्वस्तिवाचन किया। किन्नर समाज ने भी महाराज की नजर उतारी और आशीर्वाद दिया कि “ऐसे संत को किसी की नजर न लगे।”
कार्यक्रम में प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि “विधर्मी ताकतें इस युवा संत की पदयात्रा को नहीं रोक सकतीं। भारत अब हाथ उठाकर नहीं, घर में घुसकर जवाब देना जानता है।”पदयात्रा का सातवां दिन राष्ट्रगान और हनुमान चालीसा से शुरू हुआ। सड़क से लेकर बहुमंजिला इमारतों तक श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।


