केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राज्यसभा की प्रवर समिति की सिफारिशों को शामिल करते हुए सरोगेसी विनियमन विधेयक को बुधवार को मंजूरी दे दी, जिसमें इच्छुक महिला को ‘किराये की कोख’ देने की अनुमति देने का प्रावधान है. इसका लाभ संतान उत्पत्ति में अक्षम दंपति के अलावा विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को भी मिलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया, ‘राज्यसभा की प्रवर समिति की सिफारिशों को शामिल करते हुए सरोगेसी विनियमन विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई.’
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उन्होंने बताया कि इसमें वाणिज्यिक रूप से किराये की कोख पर प्रतिबंध लगाने और परोपकार के उद्देश्य से किराये की कोख की अनुमति देने का प्रस्ताव शामिल है. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि विधेयक में यह प्रस्ताव किया गया है कि केवल भारतीय मूल के दंपति ही देश में किराये की कोख को अपना सकते हैं.
गौरतलब है कि संशोधित विधेयक उस मूल विधेयक का परिष्कृत प्रारूप है जो पिछले वर्ष लोकसभा में पारित हुआ था लेकिन कई सदस्यों ने इसका विरोध किया था. सरकार ने इसके बाद विधेयक को राज्यसभा की प्रवर समिति को भेजने पर सहमति व्यक्त की थी जिसके प्रमुख भाजपा सांसद भूपेन्द्र यादव है. समिति ने विभिन्न पक्षकारों से बातचीत करके इस विधेयक पर अपनी सिफारिशें दी थीं. संशोधित विधेयक बजट सत्र के दूसरे हिस्से में अगले महीने पेश किया जा सकता है. राज्यसभा की 23 सदस्यीय प्रवर समिति ने सरोगेसी विनियमन विधेयक 2019 में 15 महत्वपूर्ण बदलाव किये है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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