महिला बाल विकास विभाग और जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम ने तीन अलग-अलग स्थानों नाबालिग किशोरियों के विवाह रोके। इसमें एक किशोरी की शादी के लिए बारात भी पहुंच चुकी थी। टीम ने समझा-बुझाकर लोगों को नाबालिग की शादी नहीं करने की सलाह दी, इस पर बारात को लौटा दिया गया।
बता दें कि शुक्रवार रात रामानुजनगर थाना क्षेत्र के मदनपुर गांव से पुलिस को सूचना मिली की 12 वर्षीय किशोरी की शादी हो रही है। इस पर जिला कार्यक्रम अधिकारी मुक्तानंद खुटें टीम के साथ रात 12 बजे गांव पहुंचे। तब तक बारात आ चुकी थी। इसमें दूल्हे की उम्र 15 वर्ष थी। इस दौरान बाराती और घर के सदस्य शराब के नशे में धुत थे। टीम की समझाइश देने पर मानते नहीं देख टीम बालिका को सखी वन स्टाॅप सेन्टर ले आई। दूसरा मामला ब्लॉक ओड़गी की ग्राम पंचायत करौंटी के पंडोपारा का है। यहां 16 वर्षीय किशोरी के विवाह होने की टोल फ्री नंबर 1098 से सूचना मिलने पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, परियोजना अधिकारी निलांजना प्रजापति मौके पर पहुंचे। यहां शादी के लिए सजाया गया मंडप टीम आने की सूचना पर उखाड़ दिया गया, लेकिन अंदर ही अंदर बाल विवाह की तैयारी की जा रही थी। टीम ने परिजनों को समझाइश दी, तो परिजन विवाह रोकने के लिए राजी हो गए। तीसरा मामला प्रेमनगर के नवापारा कलां का है। यहां 15 वर्षीय किशोरी का विवाह 29 फरवरी काे होने की सूचना पर टीम ने गांव पहुंचकर परिजन को बाल विवाह करने पर की जाने वाली कानूनी कार्रवाई के बारे में बताया।
तो परिजन बाल विवाह नहीं करने के लिए मान गए। इस दौरान जिला बाल संरक्षण इकाई से अखिलेश सिंह, अमित भारिया, जैनेंद्र दुबे, पवन धीवर, हर गोविंद चक्रधारी, गंगोत्री मानिकपुरी, जय सिंह, चन्द्रकांत बिजनेर, जगदीश सिंह, दुर्गा सोनवानी, लखेश साहू, संतोष ठाकुर, तेरेसा तिग्गा,जनार्दन यादव, सोनू साहू, शीतल सिंह, राधा यादव, अनवरी खातून आदि का सहयोग रहा।
बारात की तैयारियाें के दौरान पहुंचे परिजन।
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