Thursday, July 3, 2025
HomePoliticsMP के ऑपरेशन लोटस की Inside Story: राज्य की सत्ता से ज्यादा...

MP के ऑपरेशन लोटस की Inside Story: राज्य की सत्ता से ज्यादा राज्यसभा चुनाव पर गदर – Madhya pradesh operation lotus rajya sabha election mla congress bjp kamal nath digvijaya singh

  • राज्यसभा के लिए एमपी में ऑपरेशन लोटस
  • कांग्रेस-बीजेपी के बीच सियासी संग्राम जारी

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के कुछ विधायकों के साथ-साथ निर्दलीय और सपा-बसपा के विधायकों ने कमलनाथ सरकार की नींद उड़ा दी है. ऑपरेशन लोटस के जरिए बीजेपी की नजर मध्य प्रदेश की सत्ता से ज्यादा राज्यसभा चुनाव पर है, जिसके लिए कांग्रेस ने भी बिसात बिछा दी है. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी की कोशिशों के बाद अभी भी कुछ विधायक मानेसर स्थित होटल आईटीसी मौर्य में बीजेपी के पास हैं.

मध्य प्रदेश में राज्यसभा की 3 सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होने हैं. राज्यसभा की इन तीन सीटों के लिए होने वाले चुनाव में एक-एक सीट कांग्रेस और बीजेपी को मिलना तय है. वहीं, तीसरी सीट को लेकर दोनों पार्टियों में क्रॉस वोटिंग का खतरा बना हुआ है. मौजूदा समय में तीसरी राज्यसभा सीट पर कांग्रेस का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है, लेकिन जिस तरह से ऑपरेशन लोटस का जाल बुना जा रहा है. इसके चलते कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी संग्राम छिड़ गया है.

मध्य प्रदेश का सियासी समीकरण

मध्य प्रदेश के कोटे से राज्यसभा की तीन सीटों को लेकर घमासान मचा है. एमपी के कुल 230 सदस्यों वाले विधानसभा सदन में फिलहाल दो सीटें रिक्त हैं, जिसके चलते 228 सदस्य हैं. फिलहाल कांग्रेस के पास 114, बीजेपी के पास 107 विधायक हैं. बाकी नौ सीटों में से दो बसपा के पास हैं जबकि सपा का एक विधायक है. वहीं, विधानसभा में चार निर्दलीय विधायक भी हैं, जो कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें: MP में BJP का ऑपरेशन लोटस, गुरुग्राम के होटल में हाईवोल्टेज ड्रामा

मध्य प्रदेश के कोटे से खाली हो रही तीन राज्यसभा सीटों में से दो बीजेपी की और एक कांग्रेस की है. अप्रैल में बीजेपी के प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया तो कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के राज्यसभा का कार्यकाल पूरा हो रहा है. मौजूदा विधायकों के आंकड़ों के लेकर राज्यसभा की तीसरी सीट के लिए कांग्रेस-बीजेपी के बीच शह-मात का खेल शुरू हो गया है.

राज्यसभा की एक सीट के लिए 58 विधायकों का वोट समर्थन

एमपी में राज्यसभा के एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 58 वोट प्रथम वरियता में चाहिए. मौजूदा आंकड़ों के लिहाज से एक सीट के बाद कांग्रेस के पास 56 वोट रह जाएंगे, एक निर्दलीय विधायक सरकार में मंत्री हैं. इस तरह कांग्रेस के पास 57 विधायक हैं और उसे सिर्फ एक विधायक की जरूरत होगी. वहीं, बीजेपी अपने विधायकों के संख्या के आधार पर प्रथम वरीयता के आधार पर एक सीट तय है और उसे दूसरी सीट के लिए 49 वोट बचेंगे, जिसके लिए उसकी नजर कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों पर है.

ये भी पढ़ें: जानिए…किन 10 विधायकों को लेकर संकट में आ गई थी कमलनाथ सरकार

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 114 विधायकों में से करीब 35 से ज्यादा विधायक सिंधिया के समर्थक बताए जाते हैं. राज्य सभा की दूसरी सीट के लिए इन विधायकों की भूमिका महत्वपूर्ण है. बीजेपी के कब्जे में जो विधायक हैं, उनमें ज्यादातर विधायक सिंधिया के चंबल इलाके से आते हैं. भिंड से बसपा विधायक संजीव कुशवाह, सुमावली से कांग्रेस विधायक ऐंदल सिंह कंसाना, मुरैना से कांग्रेस विधायक रघुराज कंसाना, दिमनी से कांग्रेस विधायक गिर्राज दंडोतिया विधायक और गोहद से कांग्रेस विधायक रणवीर जाटव चंबल इलाके से आते हैं.

बीजेपी को दूसरी राज्यसभा के लिए 9 विधायकों की जरूरत

मध्य प्रदेश की सत्ता से कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को बेदखल करने के लिए बीजेपी को सिर्फ नौ सदस्यों के सहयोग की जरूरत है. वहीं, राज्यसभा की दूसरी सीट जीतने के लिए बीजेपी को अपने विधायकों के छोड़कर 9 अतरिक्त समर्थन की दरकरार है. कमलनाथ सरकार में मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज आदिवासी विधायक बिसाहुलाल सिंह समेत दूसरे विधायकों को बीजेपी ने साधा और उन्हें चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली पहुंचाया गया.

कांग्रेस बागियों को वापस अपने खेमे में लाने की कवायद में जुटी है, लेकिन कांग्रेस विधायक बिसाहू लाल सिंह, हरदीप सिंह डंग, रघुराज सिंह कंसाना और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा अभी भी पार्टी की पकड़ से दूर बीजेपी के कब्जे में हैं.

कांग्रेस अभी भले ही बीजेपी के कब्जे से अपने अपने विधायकों को छुड़ा ले जाए, लेकिन उसे फिर भी क्रॉस वोटिंग का डर बना रहेगा. अगर सत्तारूढ़ दल के पांच से छह विधायक बीजेपी के राज्यसभा प्रत्याशी को वोट दे देते हैं तो कांग्रेस दूसरी सीट नहीं जीत पाएगी. कांग्रेस चाहकर भी इन विधायकों को अयोग्य घोषित नहीं करवा सकती है. ऐसा होता है तो वह विधानसभा में अल्पमत में आ जाएगी. ऐसे में कांग्रेस अपने विधायकों को साधकर रखने की कोशिश कर रही है. वहीं, राज्यसभा की तीसरी सीट के लिए भाजपा में भी क्रॉस वोटिंग का खतरा है. अगर भाजपा के एक विधायक का प्रथम वरीय वोट कांग्रेस को मिल जाता है तब वह चुनाव जीत जाएगी.

आजतक के नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट और सभी खबरें. डाउनलोड करें

  • Aajtak Android App
  • Aajtak Android IOS

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS

casino online slot depo 10k bonus new member slot bet 100 slot jepang
slot depo 10k slot gacor slot depo 10k slot bet 100