- व्यवस्था, 412 में से 380 दुकानों में ही हो पाया है सामानों का भंडारण, अफसरों ने बताई हमाल की कमी
- गरीब परिवारों को चावल मुफ्त जबकि सामान्य परिवारों को 10 रुपए प्रति किलो की दर से मिलेगा
दैनिक भास्कर
Apr 01, 2020, 01:41 PM IST
जगदलपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच राज्य सरकार ने हर राशन कार्डधारी को दो महीने का चावल और अन्य खाद्य सामग्री देने का निर्णय लिया है। बस्तर जिले में इसकी शुरुआत बुधवार से हो जाएगी। हर परिवार को उसकी मांग के हिसाब से राशन देने शासन ने राशन दुकानों तक खाद्य सामग्रियों को पहुंचाने की जिम्मेदारी नागरिक आपूर्ति निगम को दी है।
सरकार से जारी इस आदेश के तहत नान के अधिकारी लगातार कोशिश कर रहे हैं। 412 राशन दुकानों में राशन पहुंचाने नान के अधिकारियों ने 100 ट्रक लगाए थे। बावजूद इसके अब तक केवल 380 राशन दुकानों तक ही राशन पहुंच पाया है। इसमें भी अधिकतर खाद्य सामग्री अप्रैल का है। मई का राशन 4 अप्रैल तक पहुंचाए जाने की बात कही जा रही है।
नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक एससी द्ववेदी ने कहा कि हमाल कम आने से यह काम समय पर पूरा नहीं हो पाया है। बावजूद इसके लोगों को दो महीने का राशन लेने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि चार दिनों के अंदर पूरा राशन हर दुकान में पहुंचा दिया जाएगा। जहां से हर राशनकार्डधारी अपनी सुविधा के अनुसार राशन ले सकेंगे। जानकारी के मुताबिक इस समय जिले में राशन कार्डधारियों की संख्या करीब 1 लाख 90 हजार है।
मास्क लगा व मुंह ढककर किया लोडिंग
दो महीने का राशन एक साथ राशन दुकान में भिजवाने नान के अधिकारियों ने कोरोना को लेकर जारी किए गए निर्देशों का पालन किया। घाटलोहंगा, करपावंड और केशलूर में हमालों को मास्क देने के साथ ही मुंह ढंककर चावल और अन्य खाद्य सामग्रियों को ट्रकों में लोड करवाया। नान के प्रबंधक ने कहा कि हमालों की कमी के बाद भी सुरक्षा को ध्यान में रखकर यह काम करवाया जा रहा है। एक ट्रक में लोडिंग के लिए आधा दर्जन हमाल लगे हुए थे।
1 लाख 40 हजार क्विंटल चावल की होगी खपत
दो महीने का राशन एक साथ दिए जाने से 412 राशन दुकानों में 1 लाख 40 हजार क्विंटल चावल का भंडारण किया जा रहा है। इसमें गरीब परिवारों को चावल मुफ्त में दिया जाएगा, जबकि सामान्य परिवारों को यह 10 रुपए प्रतिकिलो के रेट पर मिलेगा । नान के प्रबंधक ने बताया कि इसके अलावा दो महीने के लिए चना, नमक, गुड़ का भंडारण 7200- 7200 क्विंटल के मान से किया जाएगा। गरीबों को शक्कर लेने में बार-बार चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसके लिए 3400 क्विंटल शक्कर का भंडारण किया जाएगा।
Source link


