- मुंबई में तबलीगी के कार्यक्रम को इजाजत नहीं दी
- दिल्ली में जमात के प्रोग्राम को अनुमति कैसे मिली
दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के कार्यक्रम को लेकर राजनीति गरम हो गई है. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम को लेकर केंद्र सरकार और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल पर सवाल उठाए हैं.
अनिल देशमुख ने जारी बयान में कहा कि मुंबई के उपनगर वसई में 15 और 16 मार्च को तबलीगी एकत्रित होने वाले थे, लेकिन महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग ने इसकी इजाजत नहीं दी. लेकिन केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के कार्यक्रम के आयोजन की इजाजत कैसे दे दी?
अनिल देशमुख ने कहा कि निजामुद्दीन स्थित जो मरकज है, उसके बिल्कुल समीप में पुलिस स्टेशन है. इसके बावजूद उन्होंने इस कार्यक्रम को क्यों नहीं रोका. क्या इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय जिम्मेदार नहीं है?
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मंत्री ने कहा कि इस तरह मरकज में नाजायज तरीके से इतने सारे लोग इकट्ठे हुए जिससे कोरोना की यह बीमारी पूरे राज्य में फैली, क्या इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय जिम्मेदार नहीं है? किसने और क्यों राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को रात के दो बजे मरकज में भेजा? क्या यह काम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का है या दिल्ली पुलिस कमिश्नर का है?
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अनिल देशमुख ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और तबलीगी मरकज के मुखिया रात को दो बजे मरकज में ऐसी क्या गुप्त मंत्रणा कर रहे थे? राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और दिल्ली पुलिस के कमिश्नर ने अभी तक इस पर जवाब क्यों नहीं दिया?
बता दें कि दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में महाराष्ट्र के कई लोग शामिल हुए. इनमें कई लोग अब भी सामने नहीं आ रहे हैं. कोरोना वायरस फैलने की आशंका के मद्देनजर अनिल देशमुख कह भी चुके हैं कि मरकज के कार्यक्रम में शामिल होने वाले अभी भी छिपे हुए हैं. उन्होंने ऐसे लोगों से सामने आने और टेस्ट कराने का कहा था.