- आगरा, मेरठ और कानपुर में लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने का दिया निर्देश
- सीएम योगी ने तीनों जिलों से हर दिन सुबह और शाम को रिपोर्ट लेने का दिया आदेश
कोरोना वायरस के संकट के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को मेरठ, कानपुर और आगरा पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कानपुर, मेरठ और आगरा की विशेष समीक्षा करें. इन जनपदों में तैनात नोडल अधिकारी प्रतिदिन सुबह और शाम अपनी रिपोर्ट शासन को भेजें.
उन्होंने कहा कि इन तीनों जनपदों में लॉकडाउन का पालन सख्ती से हो. साथ ही तीनों जनपदों में कोविड 19 केयर की कमान तीन वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को सौंप दिया है. रविवार को इसकी जानकारी अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने दी.
अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम 11 के साथ बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाहरी राज्यों से आने वाले कामगारों व श्रमिकों की सकुशल वापसी कराई जाए. सीएम योगी ने विशेष रूप से कानपुर, मेरठ और आगरा में लॉकडाउन का पालन कराने पर बल दिया.
उन्होंने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर इन तीनों जनपदों में कोविड 19 केयर की कमान तीन वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को दे दिया गया है. कानुपर में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के एमडी अनील गर्ग और आईजी दीपक रतन को तैनात किया गया है. इसी तरह आगरा में प्रमुख सचिव अवस्थापना आलोक कुमार और आईजी विजय कुमार की तैनाती की गई है.
मेरठ की कमान सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव टी. वेंकटेश और आईजी लक्ष्मी सिंह को दी गई है. इन सभी के साथ स्वास्थ्य विभाग के भी दो वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती के आदेश दिए गए हैं. सीएम योगी ने इन जनपदों से हर दिन सुबह और शाम को रिपोर्ट लेने का आदेश दिया है.
रविवार को 57 ट्रेनों से 70 हजार लोग पहुंचे यूपी
अपर मुख्य सचिव (गृह) ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के लिए लगातार श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है. रविवार को भी 57 ट्रेनों से 70 हजार से अधिक लोगों की उत्तर प्रदेश में वापसी हुई. आने वाले दिनों में करीब तीन लाख लोगों के वापस आने का अनुमान है.
अब तक यूपी में 2 लाख 30 हजार लोगों की हुई वापसी
उन्होंने बताया कि अभी तक 215 ट्रेन आ चुकी हैं या आ रही हैं. उत्तर प्रदेश में 40 जिलों के स्टेशन को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए तैयार किया गया है. सीएम योगी के दिशा निर्देशन में अब तक 215 ट्रेनों से 2 लाख 30 हजार से अधिक लोगों की वापसी सुनिश्चित की गई है. उन्होंने बताया कि 200 और अतिरिक्त ट्रेनों को अनुमति दे दी गई है. ये ट्रेन अगले दो दिनों में आ जाएंगी.
उन्होंने बताया कि ट्रेनों से आने वाले लोगों की स्टेशन पर ही मेडिकल जांच कराई जा रही है. इसके बाद उन्हें होम क्वारनटीन किया जा रहा है. अपर मुख्य सचिव (गृह) ने बताया कि वर्तमान में प्रतिदिन चार से पांच हजार कोरोना संक्रमितों के ब्लड का सैंपल टेस्ट किया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे बढ़ाकर 10 हजार करने का करने का निर्देश दिया है.
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उन्होंने बताया कि 20 जनपदों में 2931 तबलीगी जमात के लोगों की पहचान हुई है. इनमें से 2670 को क्वारनटीन कराया गया है. साथ ही जमात के ही 325 विदेशी नागरिकों के खिलाफ 44 एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की गई है. प्रदेश के 71 जनपदों के 308 थाना क्षेत्रों में 467 हॉटस्पॉट एरिया को चिन्हित कर लिया गया है. इनमें 8 लाख 77 हजार मकान और करीब 49 लाख लोग हैं.
सूबे में अब तक 1884 केस, 1504 हुए ठीक
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में अब कोरोना के 1884 एक्टिव केस हैं. उपचार के बाद 1504 मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं और उनको घर भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि शनिवार को कोरोना के 4861 सैंपल की टेस्टिंग की गई. रविवार को 1365 सैंपल को मिलाकर 273 सैंपल का पूल टेस्ट किया गया. आइसोलेशन वार्ड में 1953 लोगों और क्वारनटीन सेंटर में 9003 लोगों को रखा गया है.
डॉक्टरों को सलाह देने के लिए बनाया ECCS नेटवर्क
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने बताया कि कोरोना से लड़ाई को और मजबूती देते हुए इलेक्ट्रॉनिक कोविड केयर सपोर्ट (ईसीसीएस) नेटवर्क की स्थापना की गई है. इस सिस्टम के जरिए कोविड व नॉन कोविड अस्पतालों और डाक्टरों को चिकित्सकीय परामर्श मुहैया कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि किसी भी अस्पताल के डॉक्टर कोरोना वायरस के लक्षण नहीं जानते हैं और इसके इलाज में पर्याप्त विशेषज्ञता नहीं रखते हैं. अब अगर इनको कोरोना से संबंधित किसी मेडिकल एडवाइस की आवश्यकता होती है, तो ईसीसीएस टीम से संपर्क कर सकते हैं.
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उन्होंने बताया कि लेवल एक से लेकर लेवल तीन तक के अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को अगर विशेषज्ञों के परामर्श की आवश्यकता है, तो वो भी सलाह ले सकते हैं. इसके लिए मंडल स्तर के अस्पतालों को मेंटर की भूमिका में रखा गया है.
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