Edited By Garima Singh | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:

दुनिया की आधी आबादी जागरूकता की कमी के कारण ऐसा दर्द झेलने को मजबूर है, जिसे बहुत ही आसानी से दूर किया जा सकता है। यहां हम बात कर रहे हैं मेंन्ट्रुअल हाइजीन के बारे में। पूरे विश्व में 28 मई को वर्ल्ड हेल्थ मैन्स्ट्रुअल हाइजीन के रूप में मनाया जाता है। यह एक असहज कर देनेवाली स्थिति है कि पीरियड्स के दौरान शरीर में होनेवाले बदलावों और उससे जुड़ी हाइजीन को लेकर हम अब तक संघर्ष कर रहे हैं।
आज भी जब पीरियड्स की बात आती है तो बहुत ही दबे शब्दों में या फुसफुसाकर बात की जाती है। कई लोगों की तो इस बारे में बात करने पर त्योरियां चढ़ जाती हैं। लेकिन सोच को सीमित रखकर समस्या से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता। पीरियड्स के दौरान एक महिला के शरीर में शारीरिक और मानसिक रूप से कई बदलाव होते हैं। खास बात यह है कि कुछ इसी तरह के बदलाव प्रेग्नेंसी के दौरान भी देखने को मिलते हैं।
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आज यहां हम उन बदलावों के बारे में बात करेंगे जो इन दोनों ही स्थितियों में महिलएं अपने ब्रेस्ट में अनुभव करती हैं। कुछ महिलाओं के लिए यह स्थिति दर्द बढ़ानेवाली होती है तो कुछ महिलाओं को तो रेस्ट की जरूरत पड़ जाती है। ऐसे में उन्हें अपनी हेल्थ को अनदेखा नहीं करना चाहिए और अपने आराम को प्राथमिकता देनी चाहिए।

ब्रेस्ट में होनेवाले बदलाव
ब्रेस्ट में पेन और हेवीनेस
-जरूरी नहीं है कि हर महिला को और हर बार पीरियड्स के दौरान ब्रेस्ट में दर्द हो या हेवीनेस हो। लेकिन यह एक बहुत ही सामान्य लक्षण है, जो महिलाओं में पीरिड्स के पहले और पीरियड्स के दौरान देखने को मिलता है।
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-ऐसा शरीर में होनेवाले हॉर्मोनल चेंजेज के कारण होता है। खासतौर पर इस दौरान महिलाओं के शरीर में इस स्थिति के लिए प्रोजेस्टेरॉन हॉर्मोन जिम्मेदार होता है। यह हॉर्मोन शरीर के अंदर वॉटर रिटेंशन का काम करता है। आप इसे पानी होल्ड करने की कैपिसिटी से समझ सकते हैं।
-प्रोजेस्टेरॉन हॉर्मोन के कारण ही शरीर में स्वेलिंग और भारीपन का अहसास होता है। इसलिए कुछ महिलाओं को पीरियड्स के कुछ दिन पहले या इस दौरान ऐसा महसूस होता है कि उनका ब्रेस्ट साइज बढ़ गया है या उन्होंने वेट गेन कर लिया है।

प्रेग्नेंसी के दौरान ब्रेस्ट में होनेवाले बदलाव
प्रेग्नेंसी के दौरान होते हैं ये बदलाव
-प्रेग्नेसी के दौरान महिलाओं के ब्रेस्ट में बहुत सारे बदलाव हो रहे होते हैं। इनमें मिल्क ग्लैंड्स, मिल्क डक्ट्स का बनना एरिओला और निप्पल के साइज का बढ़ जाना मुख्य रूप से शामिल हैं।
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– ब्रेस्ट साइज में चेंज और टेंडरनेस को लेकर यह बात जान लें कि यह जरूरी नहीं है कि ऐसा हर गर्भवती महिला के साथ हो। यह सबकी अपनी-अपनी बॉडी पर निर्भर करता है। प्रेग्नेंसी में निंपल और एरिओला का रंग पहले की तुलना में काफी डार्क हो जाता है। ऐसा बॉडी में पिग्मेंटेशन बढ़ने के कारण होता है।
-इस दौरान कंफर्ट का ध्यान रखते हुए महिलाओं को अपने नए साइज के हिसाब से इनर्स का चुनाव करना चाहिए। ताकि अतिरिक्त खिंचाव के कारण दर्द ना बढ़े। साथ ही शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सामान्य बना रहे।
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