- ई-एजेंडा में चीन के साथ कूटनीति पर चर्चा
- रॉ के पूर्व चीफ बोले- सरकार के अंदर एक सोच नहीं
लाईन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन से जारी तनातनी के बीच आजतक ने ई-एजेंडा कार्यक्रम की सीरीज में ‘सुरक्षा सभा’ का आयोजन किया है. इस कार्यक्रम के तीसरे सेशन में चीन से कूटनीति पर चर्चा की गई. रॉ के पूर्व चीफ जयदेव राणाडे ने कहा कि चीन को लेकर सरकार के अंदर एक सोच नहीं है.
रॉ के पूर्व चीफ जयदेव राणाडे ने कहा कि भारत एलएएसी पर आंख से आंख मिलाकर बैठी है. रक्षा मंत्री ने जो कहा वो जवान फॉलो कर रहे हैं. तैयारी हमारी तरफ से है, उनके तरफ से भी होगी. चीन पर भरोसा नहीं करना चाहिए. यह सिर्फ दो जगह घुसपैठ का मामला है. कई जगह पर घुसपैठ की गई है. नेपाल को भी भड़काया गया है.
रॉ के पूर्व चीफ जयदेव राणाडे ने कहा कि हमारे बॉर्डर पर हमें सतर्क रहना चाहिए. चीन के एक्ससाइज के दौरान हमें और सतर्क होना चाहिए था. बीएसएनएल चीन से सामान खरीदती जा रही है. डोकलाम के दौरान भी ट्रेड जारी थी. हुआवे को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया है. सरकार को सीधा और स्पष्ट रहना चाहिए.
चीन की प्लानिंग का जिक्र करते हुए रॉ के पूर्व चीफ जयदेव राणाडे ने कहा कि एलएसी पर जवानों को इकट्ठा करने के लिए चीन ने दो-तीन महीने की प्लानिंग की है. जवानों को भेजा गया, फिर पीछे से हथियार, हवाई जहाज समेत कई साजो-समान भेजे गए. हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि उन्होंने बहुत प्लानिंग की है.
चूक के सवाल पर रॉ के पूर्व चीफ जयदेव राणाडे ने कहा कि मेरे ख्याल से प्लानिंग की गई थी. अगर प्लानिंग नहीं की गई होती तो 6 दिन के अंदर अलग-अलग पर घुसपैठ की घटना नहीं दे होती. भारत को कम से कम चीन के जवानों के मूवमेंट के बारे में जानकारी होनी चाहिए थी. अगर हमारे पास ऐसी टेक्नोलॉजी नहीं है तो हमारे पास यह होनी चाहिए.