कोलंबो: श्रीलंका के चुनाव आयोग ने कोविड -19 (Covid-19) स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का परीक्षण करने के लिए दक्षिणी गॉल जिले में मॉक पोल आयोजित किया. दरअसल, यहां जुलाई के अंत और मध्य अगस्त के बीच संसदीय चुनाव होने हैं और इसकी तैयारियों के तहत ये परीक्षण किया गया है.
यहां संसदीय चुनाव 25 अप्रैल को होने थे, लेकिन COVID-19 महामारी के प्रकोप के कारण चुनाव स्थगित करना पड़े. देश में 20 मार्च से ही देशव्यापी लॉकडाउन था.
बाद में, चुनाव आयोग ने तारीख को 20 जून के लिए स्थानांतरित कर दिया. हालांकि इसे भी COVID-19 महामारी के मद्देनजर सही माना गया. क्योंकि इस छोटे से द्वीप राष्ट्र में इस घातक वायरस से 11 लोगों की मौत हुई और 1,900 से अधिक लोग संक्रमित हुए. वैसे अधिकांश रोगी ठीक हो चुके हैं और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है.
एक अधिकारी के अनुसार इस मॉक पोल के लिए गॉल जिले के अंबालागोड़ा मतदान मंडल के करीब 200 मतदाताओं को ‘वोट’ देने के लिए चुना गया था.
चुनाव आयोग के अधिकारी समन सी रत्नायके ने बौद्ध मंदिर के हॉल में पत्रकारों से कहा, “हम अभ्यास करके सीखना चाहते थे ताकि वास्तविक चुनाव में यह लागू हो सके.”
चयनित मतदाताओं को शनिवार को उनके घरों पर ही सारे निर्देश दिए गए थे और उन्हें फेस मास्क लगाकर आने, वोट को चिह्नित करने के लिए अपने साथ कलम लाने के लिए भी कहा गया था.
यह भी पढ़ें: वॉशिंगटन में अशांति रोकने इतने हजार सैनिक तैनात करना चाहते थे ट्रंप, अधिकारी ने खोला राज
चुनाव आयोग ने कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ करीबी सहयोग में चुनाव कराने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं. चुनाव प्रमुख महिंदा देशप्रिया ने कहा कि ये दिशा-निर्देश सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ धोने और चेहरे पर मास्क पहनने जैसे थे.
मॉक पोल के दौरान स्वास्थ्य दिशानिर्देशों पर ध्यान देते हुए वोट डालने में लगने वाले समय पर भी ध्यान दिया गया था.
बता दें कि 225 सदस्यीय संसद के चुनाव के मतदान की तिथि अभी घोषित की जानी बाकी है. अधिकारियों के अनुसार यह जुलाई के अंत और अगस्त के मध्य में कभी भी आयोजित हो सकते हैं.
उधर COVID-19 महामारी के कारण बने स्वास्थ्य संकट के बीच चुनाव कराने को विपक्षी दलों और नागरिक समाज समूहों ने चुनौती दी है.