केक और बिस्कुट जैसे बेक (पकाया) किए हुए पदार्थों को ज्यादा खाने से डिमेंशिया होने का खतरा बढ़ जाता है। केक, बिस्कुट और अन्य तले हुए या सेंके हुए खाद्य पदार्थों में मौजूद ट्रांस फैट खाने से बुढ़ापे में डिमेंशिया होने का खतरा बढ़ सकता है। जापानी शोधकर्ताओं को इस प्रकार की वसा और डिमेंशिया के बीच के शोध के दौरान संबंध मिला है। 60 साल से ज्यादा उम्र के 1600 लोगों पर यह अध्ययन किया गया है।
सूजन पैदा करता है ट्रांस फैट-
शोधकर्ताओं ने रक्त की जांच के जरिए लोगों के शरीर में मौजूद ट्रांस फैट की जांच की। जिन प्रतिभागियों के रक्त में ट्रांस फैट की ज्यादा मात्रा पाई गई उनमें डिमेंशिया होने का खतरा 52 फीसदी तक ज्यादा था। शोध के परिणामों से पता चलता है कि ट्रांस फैट से शरीर के अंदर सूजन पैदा होती है इससे एमेलॉयड नामक एक प्रोटीन का तेजी से उत्पादन होता है। इन दोनों का ही संबंध डिमेंशिया से होता है। जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी में इस शोध को प्रकाशित किया गया है। वैज्ञानिकों ने पिछले साल कहा था कि ट्रांस फैट पर प्रतिबंध लगाने से इंग्लैंड में 7,200 लोगों की जान बच सकती है। हर साल हृदय रोगों की वजह से इतने लोगों की मौत हो जाती है।
जापान की क्यूशू यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर तोशीहारू निनोमिया ने कहा, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि दुनियाभर में 2023 तक ट्रांस फैट पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। ट्रांस फैट पर प्रतिबंध लगाने से डिमेंशिया सहित दिल की बीमारियों से भी लोगों को निजात मिल सकती है और उनका स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है।
ऐसे किया गया अध्ययन: अध्ययन में शोधकर्ताओं ने जापान के 1628 लोगों पर शोध किया जिन्हें डिमेंशिया नहीं था और जिनकी उम्र 70 साल थी। इन्हें रक्त में मौजूद इलियाडिक एसिड की मात्रा के आधार पर चार समूहों में बांटा गया। फिर उनके खान-पान की निगरानी की गई। दस साल तक चले इस शोध से पता चला कि जिस समूह ने सबसे ज्यादा ट्रांस फैट का सेवन किया उनमें डिमेंशिया होने का खतरा 52 फीसदी तक ज्यादा था। उच्च रक्तचाप, मधुमेह और धूम्रपान भी डिमेंशिया के प्रमुख कारणों में से एक हैं।
अमेरिका ने ट्रांस फैट पर लगाया प्रतिबंध- ट्रांस फैट डेयरी उत्पादों जैसे चीज और मलाई में प्राकृतिक रूप से मौजूद होती हैं और इनका इस्तेमाल तले और बेक किए हुए खाद्य पदार्थों में बड़ी मात्रा में किया जाता है। ट्रांस फैट के इस्तेमाल से खाने का स्वाद बढ़ता है और खाद्य पदार्थ की उम्र भी बढ़ती है। इनका प्रयोग पाई, बिस्कुट और केक में भी किया जाता है। अमेरिका में पिछले साल ही ट्रांस फैट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन यूके में अब तक प्रतिबंध नहीं लगा है।