Thursday, July 3, 2025
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india and israel are developing 30 second rapid covid-19 test kit | रैपिड जांच किट पर काम कर रहे भारत-इजरायल, महज 30 सेकंड में मिलेंगे रिजल्ट

नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) महामारी से मुकाबले के लिए भारत और इजरायल मिलकर काम कर रहे हैं. इजरायल से एक टीम हाल ही में भारत पहुंची है और दोनों देश मिलकर चार अलग-अलग प्रकार की तकनीकों पर काम कर रहे हैं. 

भारत और इजरायल COVID-19 की रैपिड जांच किट विकसित कर रहे हैं, जिसके परिणाम महज 30 सेकंड में आ जाएंगे. भारत में इजरायल के राजदूत रॉन मालका ने शुक्रवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में बनाए गए विशेष परीक्षण स्थल का दौरा किया. यहां उन्होंने COVID-19 की रैपिड जांच के लिए पिछले तीन दिनों से चल रहे परीक्षणों के बारे में जानकारी हासिल की.

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रैपिड जांच संबंधी ट्रायल इजरायल के रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान और विकास निदेशालय, भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद और प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के सहयोग से संयुक्त रूप से किया जा रहा है. दोनों देशों के विदेश

मंत्रालय इस रिसर्च पर पर गंभीरता से नजर रहे हुए हैं. रॉन मालका के साथ RML के दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के. विजयराघवन भी थे. इजरायल की तरफ से जारी के बयान में कहा गया है कि RML अस्पताल उन परीक्षण स्थलों में से एक है, जहां कोरोना वायरस का 30 सेकंड से कम समय में पता लगाने की क्षमता रखने वालीं चार अलग-अलग प्रकार की तकनीकों का ट्रायल चल रहा है.

वॉयस टेस्ट भी शामिल
इन सरल, गैर-इनवेसिव तकनीकों में वॉयस टेस्ट भी शामिल है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से मरीज की आवाज में होने वाले बदलावों का पता लगाया जाता है. इसके अलावा, ब्रेथ एनालाइजर पर भी काम चल रहा है. जिसके तहत मरीज एक ट्यूब में अपनी सांस छोड़ेगा और टेरा-हेर्ट्ज़ तरंगों की मदद से यह पता लगा लिया जाएगा कि उसे कोरोना है या नहीं. 

कोरोना से जंग में मिलेगी कामयाबी
इजरायल की तरफ से कहा गया है कि ‘ये परीक्षण भारत में रोगियों के व्यापक नमूनों पर चल रहे हैं और यदि परिणाम परीक्षणों की प्रभावशीलता को सही ठहराते हैं, तो उनका बड़े पैमाने पर भारत में निर्माण किया जाएगा और दोनों देश संयुक्त रूप से इसकी मार्केटिंग करेंगे’.

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परीक्षण स्थल की यात्रा के दौरान बोलते हुए रॉन मालका ने कहा कि यदि इनमें से एक भी टेस्ट एक मिनट से कम में वायरस का पता लगाने में सफल होता है, तो यह कोरोना से जंग में बहुत बड़ी कामयाबी होगी. उन्होंने आगे कहा कि भारत और इजरायल की एडवांस्ड टेक्नोलॉजी और भारत के विनिर्माण कौशल के संयुक्त प्रयोग से हम लोगों की जान बचा हैं और वैक्सीन विकसित होने तक कोरोना के खतरे को सीमित कर सकते हैं.  

सफलता का यकीन
प्रोफेसर विजयराघवन ने कहा कि दोनों देश मिलकर कोरोना से मुकाबले के लिए महत्वपूर्ण शोध कर रहे हैं. भारत और इजरायल के संबंधों पर बोलते हुए प्रोफेसर ने कहा कि दोनों देशों के बीच वर्षों से चले आ रहे अच्छे संबंध और विश्वास ने मौजूदा अध्ययनों को गति और गुणवत्ता प्रदान की है. मुझे यकीन है कि इनमें से कुछ सफल होंगे और हमारे देशों के साथ-साथ दुनियाभर के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे. 

अपने साथ कई उपकरण भी लाई टीम
गौरतलब है कि भारत और इजरायल में बड़े डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक पर आधारित तेजी से निदान के लिए संयुक्त रूप से अनुसंधान एवं विकास के लिए समझौता हुआ है. इसी के तहत इस हफ्ते की शुरुआत में इजरायल से विशेषज्ञों की एक टीम भारत पहुंची थी. इजरायली प्रतिनिधिमंडल अपने साथ प्रभावी उपचार और निगरानी उपकरण भी लाया है, जो स्वास्थ्य कर्मियों के वायरस के संपर्क को कम करता है. इसके अलावा, टीम अपने साथ 83 उन्नत रेस्पिरेटर भी लेकर आई है, जिनके निर्यात पर इजरायल में अभी भी रोक है.

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